जयपुर

राजस्थान में शुरू हुआ नया गर्भनिरोधक उपाय, नसबंदी की जगह माचिस की तीली जितना छोटा जुगाड़ करेगा काम आसान

राजस्थान में परिवार नियोजन के लिए अब नसबंदी की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि केंद्र सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट की शुरुआत कर दी है। माचिस की तीली जितना छोटा यह लचीला इम्प्लांट महिला की बांह में महज 5 मिनट में लगाया जाता है, जो 3 साल तक 99.9% तक अनचाहे गर्भ से सुरक्षा देता है और जरूरत पड़ने पर कभी भी निकलवाया जा सकता है। इसमें मौजूद हार्मोन गर्भधारण रोकने का काम करता है और इससे महिला की फर्टिलिटी पर कोई असर नहीं पड़ता।
women contraceptive implant rajasthan

जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में हुई सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट की शुरुआत (सांकेतिक चित्र | iStock)

Rajasthan News: राजस्थान में अब परिवार नियोजन के लिए नसबंदी की जरूरत नहीं पड़ेगी। महिलाओं के लिए एक आधुनिक और सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हो गया है। सरकार ने महिलाओं के लिए एक आधुनिक, सुरक्षित और दीर्घकालिक गर्भनिरोधक उपाय की शुरुआत की है। ये सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट है, जो उन्हें अनचाहे गर्भधारण से तीन साल तक लगभग 99.99% सुरक्षा प्रदान करता है।

क्या है सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट

यह इम्प्लांट एक बेहद पतली और लचीली रबर जैसी स्टिक होती है, जिसकी लंबाई लगभग 4 सेंटीमीटर और चौड़ाई 2 मिलीमीटर होती है। इसे महिला की बांह की त्वचा के नीचे, कोहनी से कुछ ऊपर बेहद सरल प्रक्रिया द्वारा लगाया जाता है। दाएं हाथ से काम करने वाली महिलाओं में इसे बाएं हाथ में और बाएं हाथ से काम करने वाली महिलाओं में दाएं हाथ में लगाया जाता है। इम्प्लांट लगाने की पूरी प्रक्रिया केवल पांच मिनट में पूरी हो जाती है और इसमें किसी ऑपरेशन, टांके या बेहोशी की जरूरत नहीं होती। प्रक्रिया न केवल तेज है, बल्कि पूरी तरह पेनलेस भी मानी जाती है।

कैसे करता है काम

यह इम्प्लांट शरीर में धीरे-धीरे इटोनोजेस्ट्रल नामक हार्मोन छोड़ता है, जो प्रोजेस्टेरोन जैसा काम करता है। इससे महिलाओं में अंडाणु बनने की प्रक्रिया रुक जाती है, गर्भाशय की परत मोटी नहीं होती और गर्भधारण की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है। खास बात यह है कि महिला जब चाहे तब इसे निकलवा सकती है और इसके बाद उसकी प्रजनन क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता। यानी यह एक रिवर्सिबल और महिला-स्वतंत्र गर्भनिरोधक उपाय है।

किनको बरतनी है सावधानी

हालांकि यह प्रणाली अधिकतर महिलाओं के लिए सुरक्षित है, फिर भी माइग्रेन, लिवर रोग या ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित महिलाओं के लिए यह विकल्प उपयुक्त नहीं माना जाता। इसके अलावा, शुरुआती कुछ महीनों में लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं को माहवारी में अनियमितता या हल्का वजन बढ़ने की शिकायत हो सकती है, लेकिन ये साइड इफेक्ट्स अस्थायी होते हैं।

राजस्थान में पायलट प्रोजेक्ट

भारत सरकार ने इस उपाय को फिलहाल राजस्थान के जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया है। अब तक 2500 से अधिक महिलाओं को यह सुविधा मिल चुकी है और जल्द ही पूरे राज्य में इसे लागू करने की तैयारी है। इसके लिए महिला डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट महिलाओं को लंबे समय तक सुरक्षित और आधुनिक गर्भनिरोधक उपाय प्रदान करता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि महिला अपनी मर्जी से इसे कभी भी निकलवा सकती है और गर्भधारण की क्षमता पर इसका कोई बुरा असर नहीं पड़ता। राजस्थान में इसकी शुरुआत से परिवार नियोजन कार्यक्रम को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

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लखवीर सिंह शेखावत author

पत्रकारिता में पिछले सात साल से सक्रिय हैं, वर्तमान में टाइम्स नाउ में राजस्थान ब्यूरो हेड हैं। इससे पहले, ज़ी मीडिया और न्यूज़18 नेटवर्क के राजस्थान ...और देखें

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