मुंबई

महाराष्ट्र में निजी कर्मचारियों के कार्य घंटे बढ़े, अब 9 नहीं 10 घंटे होगी ड्यूटी; सरकार का ऐलान

महाराष्ट्र सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की कार्य अवधि बढ़ाने के लिए श्रम कानूनों में अहम संशोधन को मंजूरी दी है। अब दैनिक कार्य समय 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे कर दिया गया है, जिसमें ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन और श्रमिकों की सहमति अनिवार्य होगी। सरकार का कहना है कि यह कदम निवेश, रोजगार और श्रमिक अधिकारों को सशक्त बनाने की दिशा में है।
Maharashtra CM Devendra Fadnavis (Photo: ANI)

महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस (फोटो: ANI)

Maharashtra Work Hours Law 2025: महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए निजी क्षेत्र के कर्मचारियों (Private Sector Employees) की अधिकतम दैनिक कार्य अवधि को मौजूदा 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे करने के लिए श्रम कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस निर्णय का उद्देश्य राज्य में निवेश आकर्षित करना, रोजगार के नए अवसर पैदा करना और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्रीय श्रम बल द्वारा सुझाए गए संशोधनों को मंजूरी दी गई, जिससे महाराष्ट्र अब उन राज्यों की श्रेणी में आ गया है जहां इस तरह के सुधार पहले से लागू हैं जैसे कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा।

कामकाज जारी रखने की अनुमति

सरकार ने स्पष्ट किया कि ये संशोधन फैक्टरी अधिनियम, 1948 और महाराष्ट्र दुकान एवं स्थापना (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 में किए जाएंगे। नए नियमों के तहत, उद्योगों को श्रमिकों की कमी या मांग में वृद्धि जैसे हालात में कामकाज जारी रखने की अनुमति मिलेगी, साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि श्रमिकों को ओवरटाइम का उचित मुआवजा मिले।

छह घंटे के बाद विश्राम अनिवार्य

अब फैक्ट्रियों में दैनिक कार्य अवधि 9 घंटे से बढ़ाकर अधिकतम 12 घंटे की जा सकेगी, जिसमें छह घंटे के बाद विश्राम अनिवार्य होगा। साथ ही, कानूनी ओवरटाइम की सीमा को प्रति तिमाही 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है, जिसके लिए श्रमिकों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी। साप्ताहिक कार्य घंटे की सीमा भी 10.5 से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी गई है।

ओवरटाइम की सीमा 125 से बढ़ाकर 144 घंटे

वहीं, दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत भी बदलाव किए गए हैं, जिसके तहत अब कर्मचारियों से प्रतिदिन अधिकतम 10 घंटे तक काम लिया जा सकेगा। ओवरटाइम की सीमा 125 से बढ़ाकर 144 घंटे और आपातकालीन ड्यूटी की अवधि 12 घंटे तय की गई है। ये प्रावधान केवल उन प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे जिनमें 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। जबकि 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को अब पंजीकरण प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी; उन्हें केवल संबंधित अधिकारियों को सूचना देनी होगी।

निवेश और रोजगार को बढ़ावा

सरकार का कहना है कि ये संशोधन न केवल व्यापार करने में सहूलियत बढ़ाएंगे, बल्कि राज्य में निवेश और रोजगार को भी बढ़ावा देंगे। साथ ही, ओवरटाइम पर दोगुना वेतन देना अनिवार्य किया गया है, जिससे श्रमिकों के वेतन संरक्षण और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। श्रम विभाग ने यह प्रस्ताव बीते सप्ताह कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया था और विभाग का यह भी दावा है कि प्रस्तावित बदलाव विशेष रूप से महिलाओं के लिए कार्यस्थल को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएंगे, साथ ही श्रमिकों और नियोक्ताओं की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान भी करेंगे।

(इनपुट - भाषा)

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    Nilesh Dwivedi author

    निलेश द्विवेदी वर्तमान में टाइम्स नाऊ नवभारत की सिटी टीम में 17 अप्रैल 2025 से बतौर ट्रेनी कॉपी एडिटर जिम्मेदारी निभाते हैं। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज...और देखें

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