मुंबई

समृद्धि महामार्ग पर वायरल वीडियो से हड़कंप, सुरक्षा में जुटी पुलिस और इंजीनियर्स; जानें क्या है कीलों का मामला?

नागपुर से मुंबई को जोड़ने वाले समृद्धि महामार्ग पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि सड़क पर कीलें ठोक दी गई हैं, जिससे हादसे का खतरा बढ़ सकता है। जांच में पता चला कि ये कीलें नहीं, बल्कि पुल की मजबूती के लिए लगाए गए एल्युमिनियम इंजेक्टर थे। पुलिस और कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह सुरक्षित तकनीकी प्रक्रिया थी।

Samruddhi Highway Safety Update: नागपुर से मुंबई को जोड़ने वाले समृद्धि महामार्ग पर देर रात एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि सड़क पर कीलें ठोक दी गई हैं, जिससे हादसे का खतरा बढ़ सकता है। वीडियो वायरल होते ही लोगों में डर और हड़कंप फैल गया। दावा किया गया कि कीलों के कारण टायर फटने और गंभीर दुर्घटना होने का खतरा है। दोपहर तक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, साथ ही ठेकेदार और इंजीनियरिंग कंपनी के इंजीनियरों को भी बुलाया गया। जांच में सामने आया कि ये कीलें नहीं थीं, बल्कि पुल की मजबूती के लिए लगाए गए एल्युमिनियम इंजेक्टर थे।

केमिकल ग्राउटिंग का काम

प्रशांत स्वामी, डीसीपी छत्रपती संभाजीनगर ने बताया कि “मालीवाडा के पास छोटे पुल की मजबूती के लिए केमिकल ग्राउटिंग का काम चल रहा था, जिसमें इंजेक्टर लगाए जाते हैं। यह काम लेन नंबर 1 पर चल रहा था, जबकि बाकी लेन यातायात के लिए खुली थीं। सेफ्टी के लिए बैरिकेड्स भी लगाए गए थे, लेकिन एक गाड़ी ने उन्हें तोड़ दिया। साफ कर दूं, यहां किसी तरह की कीलें नहीं थीं।”

वीडियो को गलत तरीके से फैलाया गया

हाईवे बनाने वाली कंपनी मेगा इंजीनियरिंग ने भी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह एक तयशुदा तकनीकी प्रक्रिया है और वीडियो को गलत तरीके से फैलाया गया। कंपनी और ठेकेदार ने यह भी बताया कि समृद्धि महामार्ग पर काम करते समय हमेशा सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा जाता है, क्योंकि इस मार्ग पर वाहन तेज रफ्तार से चलते हैं।

किसी तरह की कीलें नहीं ठोकी गईं

अंकित केवले, साइट इंजीनियर, ने बताया कि मेगा इंजीनियरिंग पुल की मजबूती के लिए ग्राउटिंग प्रक्रिया करती है, जिसमें एल्युमिनियम नोजल लगाए जाते हैं, जो कीलें नहीं होतीं। इस प्रक्रिया में लगभग 24 घंटे का समय लगता है और इसके बाद नोजल हटा दिए जाते हैं। वहीं, रवि शंकर, सुपरवाइजर, मेगा इंजीनियरिंग ने कहा कि हाईवे पर काम हमेशा पूरी सुरक्षा के साथ किया जाता है, क्योंकि यहां वाहन तेज रफ्तार से गुजरते हैं, इसलिए बैरिकेडिंग और सेफ्टी का विशेष ध्यान रखा जाता है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो ने लोगों को डराया था, लेकिन असली स्थिति कुछ और थी। पुलिस और कंपनी दोनों ने स्पष्ट कर दिया कि समृद्धि महामार्ग पर किसी तरह की कीलें नहीं ठोकी गई थीं, बल्कि पुल को मजबूत करने का इंजीनियरिंग काम चल रहा था।

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    Nilesh Dwivedi author

    निलेश द्विवेदी वर्तमान में टाइम्स नाऊ नवभारत की सिटी टीम में 17 अप्रैल 2025 से बतौर ट्रेनी कॉपी एडिटर जिम्मेदारी निभाते हैं। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज...और देखें

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