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इस राज्य की राजधानी तक पहली बार बिछी रेल पटरी, 13 सितंबर को चलेगी पहली ट्रेन!

आजादी के बाद पहली बार मिजोरम भारतीय रेल नेटवर्क से जुड़ने जा रहा है। 8071 करोड़ रुपये की लागत से बने 51.38 किमी लंबे बैराबी-सैरांग रेलवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन 13 सितंबर को पीएम मोदी करेंगे। यह लाइन आइजॉल को राष्ट्रीय रेल ग्रिड से जोड़ेगी, जिससे यात्रा, व्यापार, स्वास्थ्य और पर्यटन को बड़ा लाभ मिलेगा।
Railway Station

आजादी के बाद पहली बार यहां पहुंचेगी ट्रेन

देश को आजाद हुए 78 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी देश के कई हिस्से ऐसे हैं, जहां तक ट्रेन नहीं पहुंची है। देश के कई इलाकों में रहने वाले लोगों ने आज तक ट्रेन के दर्शन तक नहीं किए हैं। ऐसे ही एक इलाका नॉर्थ ईस्ट के राज्य मिजोरम की राजधानी आइजॉल भी था। लेकिन अब इतने वर्षों बाद आइजॉल भी भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं 13 सितंबर को इस रेलवे लाइन का उद्घाटन करेंगे।

8071 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस 51.38 किमी लंबी रेलवे लाइन का नाम बैराबी–सैरांग रेलवे प्रोजेक्ट है। यह लाइन आइजॉल को राष्ट्रीय रेल ग्रिड से जोड़ेगी, जिससे यात्रा, व्यापार, स्वास्थ्य और पर्यटन को बड़ा लाभ मिलेगा।

PM Modi ने किया था शिलान्यास

आजादी के इतने वर्षों बाद आखिरकार मिजोरम पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जुड़ने जा रहा है। लंबे समय से प्रतीक्षित इस 51.38 किलोमीटर बैराबी–सैरांग रेलवे प्रोजेक्ट अपने उद्घाटन की तैयारियों के अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही साल 2014 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी, 13 सितंबर को वह इस ऐतिहासिक लाइन को मिजोरम की जनता को समर्पित करेंगे।

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8,071 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई यह परियोजना साल 2008-09 में स्वीकृत हुई थी। इसे पूरा होने में एक दशक से ज्यादा का समय लग गया। यह लाइन असम के सिलचर से होकर गुजरती है और उम्मीद जताई जा रही है कि यह राज्य में यात्रा, व्यापार और आवश्यक सेवाओं तक पहुंच को नई दिशा देगी।

अब तक मिजोरम में भारतीय रेल की उपस्थिति सिर्फ बैराबी स्टेशन तक सीमित थी, जो असम की सीमा पर स्थित है और यह स्टेशन 1990 के दशक से चालू है। आइजॉल से 100 किलोमीटर दूर स्थित यह स्टेशन राज्य की मुख्यधारा को कोई ठोस कनेक्टिविटी नहीं दे पा रहा था। लेकिन बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन से पहली बार राजधानी क्षेत्र सीधे राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा।

नई रेल परियोजना की प्रमुख बातें

बैराबी–सैरांग रेलवे परियोजना कुल पांच स्टेशनों-होर्टोकी, कौंपुई, मुआलखांग, बैराबी और सैरांग को जोड़ती है। इस पूरी लाइन में 48 सुरंगें (करीब 13 किलोमीटर लंबी) और 142 पुल बनाए गए हैं। इनमें से 55 बड़े पुल हैं, जिनमें पुल नंबर 196 की ऊंचाई 104 मीटर है, जो दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचा है।

इस लाइन से आइजॉल से सिलचर की यात्रा का समय 7 घंटे से घटकर 3 घंटे रह जाएगा। वहीं गुवाहाटी की दूरी भी 18 घंटे से घटकर 12 घंटे में पूरी हो जाएगी। इससे न सिर्फ लोगों की यात्रा आसान होगी बल्कि सामान की लागत भी कम होगी।

इस साल मई में ट्रायल रन और जून में सुरक्षा निरीक्षण पूरे कर लिए गए थे। रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने इसे 90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्री संचालन के लिए हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही, मिजोरम की अर्थव्यवस्था और जीएसडीपी में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।

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Digpal Singh author

साल 2006 से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। शुरुआत में हिंदुस्तान, अमर उजाला और दैनिक जागरण जैसे अखबारों में फ्रीलांस करने के बाद स्थानीय अखबारों और मै...और देखें

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