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RPSC RAS 2023: आरएएस 2023 में संदिग्ध दिव्यांग प्रमाण-पत्रों की जांच, फर्जी अभ्यर्थी होंगे बाहर

RAS Recruitment 2023: राजस्थान लोक सेवा आयोग ने आरएएस भर्ती परीक्षा-2023 के साक्षात्कार के दौरान संदिग्ध दिव्यांग प्रमाण-पत्रों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्रों के बढ़ते मामलों को देखते हुए आयोग ने पहली बार इस भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांग अभ्यर्थियों की मेडिकल जांच का प्रावधान किया है।
RAS Recruitment 2023 Interview

RAS Recruitment 2023

RAS Recruitment 2023: राजस्थान लोक सेवा आयोग ने आरएएस भर्ती परीक्षा-2023 के साक्षात्कार के दौरान संदिग्ध दिव्यांग प्रमाण-पत्रों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्रों के बढ़ते मामलों को देखते हुए आयोग ने पहली बार इस भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांग अभ्यर्थियों की मेडिकल जांच का प्रावधान किया है। इस कदम से फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनवाने वाले अभ्यर्थी बाहर होंगे और पात्र अभ्यर्थियों के अधिकारों की रक्षा होगी। आयोग के इस कदम से अनेक संदिग्ध अभ्यर्थियों ने मेडिकल जांच से दूरी बना ली है। आयोग के समक्ष ऐसे कई मामले आ रहे हैं, जहां निर्धारित तिथि पर भी संबंधित अभ्यर्थी मेडिकल जांच के लिए मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित नहीं हुए।

अभ्यर्थी श्रेणी परिवर्तन के दे रहे प्राथना पत्र

गौरतलब है कि कई अभ्यर्थियों ने आयोग को प्रार्थना-पत्र देकर अपनी श्रेणी को दिव्यांग से सामान्य या अन्य श्रेणी में बदलने की गुहार लगाई है। आयोग की जांच में यह भी सामने आया है कि इनमें से कई अभ्यर्थी पहले से ही राजकीय सेवाओं में तृतीय श्रेणी शिक्षक, पटवारी या अन्य पदों पर कार्यरत हैं। इनकी पिछली सरकारी नियुक्तियां भी दिव्यांग श्रेणी कोटे से हुई हैं। ऐसे अभ्यर्थी फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के सहारे न केवल एक बार, बल्कि बार-बार आरक्षण का दुरुपयोग कर रहे थे। आयोग ने ऐसे अभ्यर्थियों के प्रशासनिक विभागों को भी पत्र लिखकर उनकी दिव्यांगता की दोबारा जांच कराने के संबंध में लिखा है।

निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया का संवर्धन

दिव्यांग प्रमाण पत्र जांच की इस कार्यवाही से आयोग की निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सवंर्धित होगी, साथ ही फर्जी प्रमाण-पत्रों के बूते दिव्यांग एवं अन्य श्रेणियों में अनुचित लाभ प्राप्त कर पहले ही सरकारी सेवा में बैठे लोगों पर भी शिकंजा कसेगा।

गहन सत्यापन-निष्पक्ष चयन

आयोग सचिव के अनुसार फर्जी प्रमाण-पत्रों का इस्तेमाल वास्तविक एवं पात्र दिव्यांग अभ्यर्थियों के अधिकारों तथा अवसरों का हनन करता है। आयोग अब केवल दस्तावेजों की सतही जांच तक सीमित नहीं है, बल्कि गहन सत्यापन के माध्यम से पात्र व्यक्तियों का ही चयन सुनिश्चित कर रहा है। आयोग के निर्देशों की अवेहलना करते हुए मेडिकल जांच के लिए उपस्थित नहीं होने वाले अभ्यर्थियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई न केवल उनकी आरएएस भर्ती-2023 की अभ्यर्थिता को रद्द कर सकती है, बल्कि उन्हें भविष्य की अन्य सरकारी भर्तियों से भी वंचित कर सकती है।

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कुलदीप राघव author

प्रिंट और डिजिटल जर्नलिज्म में 13 वर्ष से अधिक का अनुभव रखने वाले कुलदीप राघव 2017 से Timesnowhindi.com से बतौर सीनियर स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट जुड़े हैं।...और देखें

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