Aankhon Ki Gustaakhiyan Review: शनाया-विक्रांत की केमिस्ट्री धड़काएगी दिल, हटकर लव स्टोरी की तलाश हुई खत्म

Aankhon Ki Gustaakhiyan Review: बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी (Vikrant Massey) और शनाया कपूर (Shanaya Kapoor) की फिल्म आंखों की गुस्ताखियां आज बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई है। इस बीच फिल्म का रिव्यू भी सामने आ गया है। अगर आप इस फिल्म को देखने का सोच रहे है तो इससे पहले हमारे रिव्यू को जरूर पढ़ लें।

Aankhon Ki Gustaakhiyan

क्रिटिक्स रेटिंग

3.5
Aankhon Ki Gustaakhiyan Image Source- Instagram

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कास्ट एंड क्रू

vikrant massey

shanaya kapoor

Aankhon Ki Gustaakhiyan Review: बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी और शनाया कपूर की फिल्म आंखों की गुस्ताखियां आज 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई हैं। कुछ वक्त पहले जब फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था तब इसके कॉन्सेप्ट ने दर्शकों को काफी एक्साइट किया था। नई-नवेली शनाया कपूर और एक्सपीरियंसड विक्रांत मैसी की जोड़ी भी दर्शकों के लिए नई ही थी, जिस कारण हर किसी को आंखों की गुस्ताखियां का इंतजार था। अगर आप को भी फिल्म आंखों की गुस्ताखियां का इंतजार था और टिकिट खरीदने से पहले आप ये जानने के लिए बेचैन हैं कि ये कैसी है तो आइए आपको बताते हैं कि विक्रांत और शनाया की जोड़ी दिलों को सुकून देने में कामयाब रही है या नहीं...

क्या है आंखों की गुस्ताखियां की कहानी

शनाया कपूर और विक्रांत मैसी की हालिया रिलीज मूवी आंखों की गुस्ताखियां जाने-माने राइटर रस्किन बॉन्ड की कहानी द आइज हैव इट पर आधारित है, जिसमें विक्रांत मैसी ने जहान और शनाया कपूर ने सबा का किरदार प्ले किया है। सबा एक आर्टिस्ट है, जो एक अंधी लड़की के रोल के लिए तैयारी कर रही है। सबा कैसे भी इस रोल को पाना चाहती है, जिसके लिए वो आंखों पर पट्टी बांधकर रहती है। तैयारी के दौरान सबा का मैनेजर उसे छोड़कर चला जाता है, जिसके बाद उसकी जिंदगी में एंट्री होती है जहान की। मसूरी के सफर के दौरान सबा और जहान के बीच दोस्ती होती है और जल्द ही ये दोस्ती प्यार में भी तब्दील होने लगती है। इस दौरान सबा और जहान की केमिस्ट्री दिल जीतती है और चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेरती है। जब सबा और जहान करीब आ रहे होते हैं तब सबा को यह पता नहीं चलता है कि जहान सच में नहीं देख सकता है। जहान इसी दौरान सबा को छोड़कर अचानक से चला जाता है। इसके बाद दोनों की राहें एक बार फिर से टकराती हैं और लगभग 3 साल के बाद दोनों आमने सामने आ जाते हैं। इन 3 सालों में सबा की जिंदगी में कोई और आ चुका है। क्या सबा और जहान अब एक हो पाएंगे या फिर इन दोनों की जिंदगी में फिर से जुदाई ही लिखी है, ये जानने के लिए आपको फिल्म आंखों की गुस्ताखियां देखनी होगी।

क्या है फिल्म में खास

फिल्म आंखों की गुस्ताखियां एक अनोखी लव स्टोरी है, जिसमें नयापन है। कलाकारों की अच्छी एक्टिंग के साथ-साथ इसका डायरेक्शन भी प्रभावित करता है। डायरेक्टर संतोष सिंह ने बॉलीवुड को हटकर लव स्टोरी देने की कोशिश की है, जिसके लिए उनकी तारीफ होनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि आंखों की गुस्ताखियां सभी को प्रभावित करेगी लेकिन अच्छी लव स्टोरी के भूखे लोगों के दिलों को ये जरूर भाएगी। शनाया-विक्रांत का मासूम इश्क और राइटर मानसी बागला की सधी हुआ राइटिंग सीधे दिल में घर करेगी। इस फिल्म में डायरेक्टर और राइटर ने घोस्टिंग जैसे मुद्दे को खूबसूरती से उठाया है लेकिन ये मुद्दा सिर्फ यंग ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोगों के साथ कनेक्ट करेगा। रोमांटिक फिल्म की जान उसके गाने होते हैं, जिसके लिए विशाल मिश्रा की तारीफ होनी चाहिए। नजारा और अलविदा जैसे गाने दर्शकों थिएटर से बाहर आकर भी गुनगुनाएंगे।

क्या है फिल्म की खामियां

फिल्म आंखों की गुस्ताखियां सीमित दर्शक वर्ग के लिए है, जिस कारण मेट्रो सिटीज के बाहर इसे कम पसंद किया जाएगा। मेट्रो सिटीज के दर्शक आंखों की गुस्ताखियां के साथ अच्छे से कनेक्ट हो पाएंगे और इसे एन्जॉय करेंगे। खास करके वो यंग लड़के-लड़कियां जो घोस्टिंग जैसे मुद्दे से दो-चार हो चुके हैं उन्हें आंखों की गुस्ताखियां अपनी कहानी लगेगी।

आखिरी फैसला

लम्बे समय से बॉलीवुड की तरफ से कोई अच्छी लव स्टोरी नहीं रिलीज की गई है। आंखों की गुस्ताखियां दर्शकों की उस भूख को खत्म कर सकती है। आंखों की गुस्ताखियां उन दर्शकों के लिए परफेक्ट मूवी है, जो हटकर लव स्टोरी की तलाश में हैं। अगर बारिश के मौसम में आप अपने पार्टनर के साथ दिल छू लेने वाली रोमांटिक मूवी देखने की फिराक में हैं तो आंखों की गुस्ताखियां का टिकिट खरीद लें। हमारी ओर से शनाया कपूर और विक्रांस मैसी की मूवी के लिए 3.5 स्टार बाकी आप थिएटर में जाकर खुद फैसला करें कि आपको ये मूवी कैसी लगी और हमें कमेंट में भी बताएं।
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आर्टिकल की समाप्ति

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क्रिटिक्स रेटिंग

2.5

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