Maalik Review: काहे 'मालिक' काहे... पुलकित ने तरकश के सारे तीर हवा में चलाए

Maalik Review in Hindi: डायरेक्टर पुलकित (Pulkit) के पास एक से बढ़कर एक एक्टर्स थे लेकिन वो किसी से भी यादगार काम नहीं करवा पाए हैं। मालिक का स्क्रीनप्ले इतना बिखरा हुआ है कि राजकुमार राव (Rajkummar Rao) भी बेदम कहानी में जान नहीं भर पाते हैं। मालिक में मानुषी छिल्लर का अच्छा काम है लेकिन सिर्फ एक एक्टर अपने कंधों पर मूवी का कितना ही बोझ उठा पाएगा।

क्रिटिक्स रेटिंग

1.5

Action

Realease Date

Jul 11, 2025

Duration

2 hr 26 mins
Maalik Review काहे मालिक काहे पुलकित ने तरकश के सारे तीर हवा में चलाए

कास्ट एंड क्रू

Rajkumar Rao

Prosenjit Chatterjee

Saurabh Shukla

sourabh Sachdeva

anshumaan pushkar

Maalik Review In Hindi: सोचिए आपका तरकश युद्ध जीतने वाले तीरों से भरा पड़ा हो लेकिन युद्ध जीतना तो छोड़िए आप विरोधी पर भारी तक न पड़ पाएं तो किसकी गलती मानी जाए...। जवाब यही होगा कि तीर चलाने वाले की गलती है, जो उन तीरों को सही ढंग से चलाना तक नहीं जानता है। फिल्म मालिक की भी परेशानी यही है। मालिक के डायरेक्टर पुलकित के पास राजकुमार राव, सौरभ शुक्ला, प्रोसेनजीत चटर्जी, अंशुमन पुष्कर, सौरभ सचदेवा, स्वानंद किरकिरे, राजेन्द्र गुप्ता और मानुषी छिल्लर जैसे कलाकार थे लेकिन फिर भी वो एंटरटेनिंग गैंगस्टर ड्रामा नहीं बना पाए हैं।
फिल्म मालिक का रिव्यू:
फिल्म मालिक की कहानी इलाहबाद में रहने वाले एक जवान लड़के दीपक (राजकुमार राव) की है, जिसका बाप (राजेन्द्र गुप्ता) जमींदारों की जमीन जोतकर घर चलाता है। दीपक अक्खड़ स्वभाव है, जिस वजह से उसकी और उसके बाप की बनती नहीं है। एक रात शहर के दबंग शंकर सिंह (सौरभ शुक्ला) के आदमी दीपक के पिता की जमीन पर खड़ी फसल जोत देते हैं और उसे खूब मारते हैं। अस्पताल के बेड पर अपने जख्मी पिता को देखकर दीपक का खून खौल उठता है और वो शंकर के आदमी को बीच बाजार मौत के घाट उतार देता है। इसके बाद दीपक; दीपक नहीं रहता वो बन जाता है इलाहबाद का मालिक....। मालिक के ऊपर जल्द ही दबंग शंकर सिंह अपना हाथ रख देते हैं और शहर में नया गुंडा खड़ा हो जाता है। एक वक्त के बाद ये गुंडा इतना बड़ा हो जाता है कि इसे बनाने वालों को ही इससे परेशानी होने लगती है और फिर शुरू होती है खून-खराबे की वो जंग जिसमें सौरभ शुक्ला, प्रोजेसनजीत चटर्जी, सौरभ सचदेवा, स्वानंद किरकिरे और अंशुमन पुष्कर मिलकर मालिक से लोहा लेते हैं।
मालिक की कहानी में यूं तो नयापन नहीं है लेकिन ये नहीं कहा जा सकता है कि इसमें दम नहीं है। एक शानदार गैंगस्टर ड्रामा बनाने के लिए कहानी में सारे मसाले हैं लेकिन डायरेक्टर पुलकित ये समझ नहीं पाए हैं कि कौन सा मसाला कितनी मात्रा में और कब डालना है? पुलकित का डायरेक्शन बहुत ही खराब है, जिस कारण कहानी एक दिशा में चलने की जगह चारों तरफ भागती दिखाई देती है। मालिक के कुछ सीन्स दमदार हैं, जिनकी वजह से लगता है कि मूवी अब रफ्तार पकड़ेगी लेकिन अगले ही पल हल्के-फुल्के सीन्स इसका दम निकाल देते हैं। पुलकित के पास एक से बढ़कर एक एक्टर्स थे, उनसे भी वो यादगार काम नहीं ले पाए हैं। किरदारों के बोलने का तरीका हो या फिर सीन्स शूट करने तारीका किसी में भी नयापन दिखाई नहीं देता है।
एक्टर्स की एक्टिंग की बात करें तो मानुषी छिल्लर के अलावा कोई भी प्रभावित नहीं करता है। मानुषी के पास कम स्क्रीनटाइम है लेकिन वो अपने रोल को अच्छे से करती दिखाई देती हैं। राजकुमार राव, सौरभ शुक्ला, प्रोसेनजीत चटर्जी, अंशुमन पुष्कर, सौरभ सचदेवा, स्वानंद किरकिरे और राजेन्द्र गुप्ता ने शानदार तरीके से अपने डायलॉग्स बोले हैं लेकिन कोई भी यादगार रोल नहीं निभा पाया है। इसके लिए भी पूरी तरह से पुलकित ही जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि किस कलाकार से क्या काम लेना है....।
मालिक के ट्रेलर ने देसी कहानी, जानदार डायलॉग्स, शानदार परफॉर्मेंसेज और रॉ एक्शन का वादा किया था लेकिन मूवी हर जगह फेल हुई है। खराब डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले ने मालिक की जान निकालने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। डायरेक्टर पुलकित ने एक देसी गैंगस्टर ड्रामा बनाने के लिए कमर कसी थी लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वो औसत दर्जे की मूवी भी नहीं बना पाएंगे। हम अपनी ओर से फिल्म मालिक को 1.5 स्टार देते हैं, अगर आप राजकुमार राव और गैंगस्टर ड्रामा मूवीज के फैन नहीं हैं तो मालिक मालिक का टिकिट खरीद सकते हैं लेकिन ये फिल्म अच्छी गैंगस्टर ड्रामा मूवी की भूख नहीं मिटा पाती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। मूवी रिव्यू (Entertainment News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

आर्टिकल की समाप्ति

मोर मूवी रिव्यु

The Bengal Files Review नाक की सीध में लड़खड़ाते-लड़खड़ाते चलती पॉलिटिकल ड्रामा

Anupam Kher,Pallavi Joshi,Mithun Chakraborty,Simrat Kaur,Namashi Chakraborty,Saurav Das,Puneet Issar,Darshan Kumar,Mohan Kapur,Bibyendu Bhattacharya,Rajesh Khera

क्रिटिक्स रेटिंग

2.5

Political

Sep 5, 2025

2 hr 20 mins

धीमी रफ्तार लेकिन गहरी पकड़  क्यों देखने लायक है iमनोज बाजपेयी की इंस्पेक्टर जेंडे i

manoj bajpayee,jim sarab

क्रिटिक्स रेटिंग

4

Jul 2, 2021

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited