WPD को Amritpal Singh ने यूं कराया था ऑनलाइन लॉन्च, AKF नाम की है 'फौज'; NRI बच्चों के लिए स्कूल का भी था प्लान

कट्टरपंथी उपदेशक और वारिस पंजाब दे का चीफ अमृतपाल सिंह। (फाइल)
Amritpal Singh's Waris Punjab De Latest News: भगोड़े कट्टरपंथी उपदेशक और ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह ने गूगल फॉर्म के जरिए वारिस पंजाब दे संगठन को ऑनलाइन लॉन्च कराया और दुनिया भर में युवाओं से इसकी सदस्यता लेने के लिए कहा था। रोचक बात है इस संगठन को दीप सिद्धू ने प्रेशर ग्रुप के तौर पर बनाया था, मगर उसने इसी को एक तरह से हाईजैक कर सिखों के लिए अलग खालिस्तान की मांग को प्रमुख डिमांड बना दिया। इतना ही नहीं, सिंह के दिमाग में इसके बैनर तले एक स्कूल खोलने की योजना भी थी। उसने पूर्व में एनआईआर बच्चों के लिए स्कूल खोलने का ऐलान किया था।
लेटरपैड के जरिए खुद को बताया WPD का चीफअंग्रेजी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतपाल को सितंबर 2022 में मोगा के रोडे गांव में वारिस पंजाब दे (डब्ल्यूपीडी) का प्रमुख नियुक्त नहीं किया गया था बल्कि उसने चार मार्च, 2022 को खुद को ही इस संगठन का मुखिया घोषित किया था। यह ऐलान क्यूआर कोड के साथ एक लेटर पैड पर किया गया था, जो संगठन का सदस्य बनने के लिए गूगल फॉर्म था। संगठन की मेंबरशिप उन मुल्कों के लिए खुली थी, जहां पर सिख अच्छी-खासी संख्या में रहते हैं। फॉर्म में सदस्यों से अपनी स्किल्स के साथ वॉट्सऐप नंबर देने के लिए भी कहा गया था।
सिद्धू ने प्रेशर ग्रुप के नाते बनाया था संगठन पर...हालांकि, लेटर पैड पर सिर्फ डब्ल्यूपीडी का स्टैंप था और दीप सिद्धू और जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीरें थीं। लेटर पैड पर यह भी दावा किया गया था कि आने वाले समय में चर्चा के बाद इस संगठन की और यूनिट्स शुरू की जाएंगी। सोशल मीडिया पर इस लेटर के वायरल होने के बाद दीप सिद्धू (डब्ल्यूपीडी का संस्थापक) ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे फर्जी करार दिया था। चूंकि, सिद्धू ने इसे प्रेशर ग्रुप के रूप में लॉन्च किया था, पर सिंह ने इस संगठन की मुख्य मांग की सिखों के लिए अलग खालिस्तान बना दी।
...तो पंजाब में यूं तैयार हुई थी WPD की जमीनअमृतपाल के लिए बड़ा समर्थन तब आया, जब सिद्धू के करीबी दोस्त दलजीत सिंह कलसी ने उसका समर्थन किया। अमृतपाल जब तक पंजाब नहीं पहुंचा था, तब तक बसंत सिंह मोगा ने जमीनी तौर पर संगठन के लिए काम किया। उसी ने दीप सिद्धू की भोग सेरेमनी और 2022 के होला मोहल्ला पर वारिस पंजाब दे की जगह-जगह केनोपी लगवाई थीं, ताकि युवाओं (जो सिद्धू की वजह से डब्ल्यूपीडी से प्रभावित थे) के नंबर लिए जा सकें। कलसी ने समर्थन जुटाने के लिए वर्ल्ड टूर भी किया, जबकि गुरमीत सिंह बुकनवाला डब्ल्यूपीडी के संस्थापक सदस्यों में रहा।
अमृतपाल के पास अलग फौज भी, स्कूल का भी किया ऐलानचूंकि, डब्ल्यूपीडी का ढांचा पैन इंडिया (राष्ट्रीय स्तर) नहीं था, लिहाजा अमृतपाल अपने नए संगठन आनंदपुर खालसा फौज (एकेएफ) को होला मोहल्ला पर लॉन्च करना चाहता था। इस संगठन का नाम अमृतपाल के घर के बाहर दरवाजे और उसके बॉडीगार्ड्स के हथियारों पर भी लिखा देखा गया था। अमृतपाल के पूर्व सहयोगी ने अंग्रेजी अखबार से कहा- एकेएफ अमृतपाल की सिक्योरिटी टीम थी और ये लोग सीधे तौर पर दीप सिद्धू या फिर वारिस पंजाब दे से नहीं जुड़े थे। ये सब अमृतपाल से आकर्षित थे और चाहते थे कि नया संगठन बने।
स्कूल को लेकर अमृतपाल ने क्या किया था ऐलान? सबसे हैरत की बात यह है कि अमृतपाल सिंह डब्लूपीडी के तहत स्कूल खोलने का ऐलान भी कर चुका है। यह स्कूल एनआरआई (नॉन रेसिडेंट इंडियंस - भारत में न रहने वाले हिंदुस्तानियों) के विदेश में जन्मे बच्चों के लिए होगा, ताकि वे सीधे तौर पर पंजाब से जुड़ सकें। ये सारे फैसले अमृतपाल सिंह ने अपने स्तर पर लिए थे।
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