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‘कट्टर ईमानदार’ केजरीवाल को ले डूबा भ्रष्टाचार! शराब, शीशमहल से सिमट गया राज-काज

Kattar Imandar Kejriwal: क्या अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोपों ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में डूबो दिया? आम आदमी पार्टी की हार में कई मुख्य कारणों में से एक सबसे अहम 'करप्शन' है। कथित शराब घोटाला और शीशमहल जैसे मुद्दों पर केजरीवाल की कलई खुल गई। आपको तफसील से सबकुछ समझाते हैं।

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AAP Ka Corruption: खुद को ‘कट्टर ईमानदार’ बताने वाले अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी की दिल्ली की सत्ता से विदाई घोटालों के आरोपों के आधार पर हुई। राजधानी की जनता ने केजरीवाल को कहीं का नहीं छोड़ा। फिर से मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब तो टूटा ही, साथ में केजरीवाल की विधायकी भी नहीं रही। यानी केजरीवाल के लिए अब दिल्ली विधानसभा में 'नो-एंट्री' रहेगी। आखिर पिछले दो चुनावों में 60 से अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी का ये हश्र कैसे हुआ, कि वो 22 सीटों पर सिमट गई? वैसे तो इसके कई मुख्य कारण हैं, मगर इनमें भ्रष्टाचार सबसे अहम कड़ी साबित हुई।

अरविंद केजरीवाल का अब क्या होगा?

भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर कर सिमट गई आम आदमी पार्टी

अपने नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप, शासन के मुद्दों पर उपराज्यपाल के साथ लगातार तकरार और भाजपा द्वारा चलाया गया सघन प्रचार अभियान दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) की हार सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त थे। आप के लिए इससे भी अधिक निराशाजनक बात यह है कि उसके शीर्ष नेताओं अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा जो भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दे पर सत्ता में आई पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है।

इस हार के बाद आप को आत्मचिंतन करने की जरूरत

आगामी दिनों में पार्टी को आत्मचिंतन करने की काफी जरूरत होगी क्योंकि अपनी स्थापना के बाद पहली बार वह राष्ट्रीय राजधानी में विपक्ष की भूमिका में होगी। आप को दिल्ली में सत्ता बरकरार रखने का पूरा भरोसा था, लेकिन उसके शीर्ष नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा केजरीवाल तथा अन्य नेताओं को भ्रष्ट करार देने के लिए चलाए गए व्यापक अभियान ने उसकी छवि को नुकसान पहुंचाया।

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