क्यों अहम है PM मोदी का मणिपुर दौरा? मैतेई-कुकी समुदाय के लिए 'मरहम' जैसी है प्रधानमंत्री की यह यात्रा

पीएम मोदी का मणिपुर दौरा। तस्वीर-ANI
PM Modi visit to Manipur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरकार 13 सितंबर को मणिपुर पहुंच गए। साल 2023 में मैतेयी और कुकी समुदाय की हिंसा की आग में जलने वाले मणिपुर में प्रधानमंत्री मोदी के पहुंचने के कई संकेत और मायने हैं। हिंसा के बाद से ही विपक्ष लगातार उन्हें मणिपुर का दौरा करने के लिए कहता आया था। पीएम के नहीं जाने पर उसने उन पर हमले भी किए लेकिन जब पीएम आए हैं तो केवल वे मणिपुर ही नहीं मिजोरम भी गए। मिजोरम को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए राजधानी एक्सप्रेस सहित तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। विकास की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। लोगों को संबोधित किया। इसके बाद खराब मौसम के बीच वह मणिपुर के लिए रवाना हो गए, जहां भारी बारिश ने उनका स्वागत किया।
पीएम का मिजोरम, मणिपुर और असम दौरा
पीएम मणिपुर से असम जाएंगे। यानी पीएम का यह दौरा केवल मणिपुर तक ही सीमित नहीं है, अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने तीन राज्यों को विकास की सौगातें दीं और यह भी बताया कि उनके एजेंडे में पूर्वोत्तर खास महत्व रखता है। आइजोल में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के विकास के इंजन के रूप में उभर रहा है। इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस पर पूर्वोत्तर को नजरंदाज करने का आरोप लगाया और कहा कि भारत के इस हिस्से की अनदेखी करने वाली पार्टियां आज खुद हाशिये पर चली गई हैं।
मणिपुर में पहले चुराचांदपुर गए पीएम
मणिपुर के दौरे का पीएम का पहला चरण चुराचांदपुर जिला था। यहां पर उन्होंने विस्थापित लोगों और बच्चों से मुलाकात की। पीएम को अपने बीच पाकर बच्चे काफी खुश हुए। उन्होंने उपहार देकर उनका स्वागत किया। यही नहीं पीएम ने चुराचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत वाली विकास की कई योजनाओं की आधारशिला रखी। विकास की इन योजनाओं में मणिपुर के लिए 3,600 करोड़ रुपए की शहरी सड़क, ड्रेनेज सिस्टम, संपत्ति प्रबंधन सुधार की परियोजनाएं शामिल हैं। राज्य में 2,500 करोड़ रुपए की लागत से पांच राजमार्ग निर्माण होगा। कामकाजी महिलाओं के लिए नौ स्थानों पर हॉस्टल भी बनाए जाएंगे। पीएम मोदी पीस ग्राउंड में हिंसा से विस्थापित हुए लोगों को संबोधित भी किया।
पीएम ने दोनों समुदायों को दिया संकेत
पीएम मोदी का चुराचांदपुर और इंफाल दौरा इसलिए ज्यादा महत्व रखता है क्योंकि हिंसा के दौरान ये दोनों इलाके सर्वाधिक प्रभावित हुए। चुराचांदपुर कुकी प्रभुत्व वाला इलाका है जबकि इंफाल में मैतेयी समुदाय की संख्या ज्यादा है। ऐसे में दोनों जगहों पर जाकर पीएम और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यह संकेत दिया कि उनके लिए दोनों समुदाय मायने और महत्व रखते हैं। भाजपा के लिए दोनों समुदाय बराबर हैं। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि पिछले कुछ समय में राज्य की हिंसा में कमी आई है। हिंसा में आई इस कमी को भाजपा अपने प्रयासों का नतीजा मान रही है।
मैतेयी-कुकी समुदाय में सुलह चाहती है सरकार
यही नहीं सरकार मणिपुर के इन दोनों समुदायों के बीच सुलह एवं समझौता और शांति के लिए एक रोडमैप तैयार करना चाहती है। हिंसा के दौरान मैतेयी और कुकी समुदाय के दबदबे एवं प्रभुत्व वाले इलाकों में जातीय हदबंदी ने जोर पकड़ा। दोनों समुदाय अपने-अपने इलाकों में अपनी जातीय पहचान को लेकर ज्यादा मुखर हुए हैं। ऐसे में सरकार की कोशिश एक दूसरे के प्रति आई सख्ती को कम कराना भी है। पीएम की इस यात्रा से दोनों समुदायों के लोगों के बीच एक स्थायी शांति और आपसी रिश्ते को दोबारा पटरी पर लाने की उम्मीद जगी है।
हिंसा से दोनों समुदायों में गहरी दरार पैदा हुई
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एल. एन. सिंह (इंफाल) ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि यह प्रधानमंत्री की ओर से उठाया गया एक बेहद सकारात्मक कदम है। मणिपुर में जो कुछ भी हुआ है, उससे दोनों समुदायों में गहरी दरार पैदा हुई है। उसे भरने में समय लगेगा। उनकी यात्रा पुनर्निर्माण प्रक्रिया की नींव का पहला पत्थर रखेगी। लोग इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि मणिपुर के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं। चुराचांदपुर के नेता गिंजा वुआलजोंग ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि दिल्ली से कोई नेता यहां लगभग 40 साल पहले आया था। हम श्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि उनके नेतृत्व में, हमारे न्याय और सुरक्षित भविष्य की पुकार का समाधान एक राजनीतिक समाधान के जरिए किया जाएगा।
कुकी-जो संगठनों ने इसे 'ऐतिहासिक' अवसर बताया
मणिपुर से राज्यसभा सांसद लईशेम्बा सनाजाओबा ने मोदी की यात्रा को 'बहुत सौभाग्यपूर्ण' बताया। उन्होंने कहा कि यह बड़ा सौभाग्य है कि मोदी जनता की कठिनाइयों को सुनेंगे... मणिपुर का हिंसक झड़पों का इतिहास रहा है लेकिन अब तक किसी प्रधानमंत्री ने ऐसे समय में राज्य का दौरा नहीं किया और न ही लोगों की बातें सुनीं। मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो इतने कठिन समय में यहां आ रहे हैं और लोगों की बात सुन रहे हैं। इसी बीच, प्रमुख कुकी-जो संगठनों ने पीएम की इस यात्रा को 'ऐतिहासिक और दुर्लभ अवसर' बताया। उनके बयान में कहा गया, 'सालों से हम मणिपुर से पूर्ण अलगाव की मांग कर रहे हैं, अलग प्रशासन चाहते हैं जो अनुच्छेद 239A के तहत विधानमंडल सहित केंद्रशासित प्रदेश के रूप में हो। यह मांग सुविधा के कारण नहीं, बल्कि आवश्यकता के कारण है। हमारे महान राष्ट्र के नेता के रूप में, हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री हमारी आवाज, हमारे दर्द और हमारी आकांक्षाओं को उचित मान्यता देंगे।'
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आलोक कुमार राव न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं। यूपी के कुशीनगर से आने वाले आलोक का पत्रकारिता में करीब 19 साल का अनुभव है। समाचार पत्र, न्यूज एजेंसी, टेल...और देखें

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