छांगुर बाबा बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील के तहत रेहरा माफी गांव का रहने वाला है। भाइयों में सबसे बड़े छांगुर बाबा का बचपन गरीबी में बीता। बताया जाता है कि वह शुरू में साइकिल से ताबीज और अंगूठी बेचा करता था। कई सालों तक ये काम करने के बाद वह मुंबई चला गया और बाद में अपने आप को पीर घोषित कर दिया। पैसा आने पर 'छांगुर बाबा' ने ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़ा।
Chhangur Baba : धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के बारे में हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। यूपी एटीएस और जांच एजेंसियां ने अपनी जलालुद्दीन पर शिकंजा कसते हुए उसके पूरे नेटवर्क को पर्दाफाश करने में जुटी हैं। आरोप है कि छांगुर बाबा अवैध धन के जरिए लगातार अपने रैकेट और धर्मांतरण के एजेंडे का विस्तार कर रहा था। इसकी गई जगहों पर संपत्तियां होने का पता चला है। उसकी करीबी नसरीन और उसके पति के बैंक अकाउंट्स में बड़ी रकम का लेन-देन भी सामने आया है। ये सभी बैंक खाते रडार पर आ गए हैं और इनकी जांच शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि 'छांगुर बाबा' के इस पूरे नेक्सस को खंगालने के क्रम में यूपी एटीएस मुंबई और पुणे भी जाएगी। एटीएस बैंक खातों में रकम आने और धर्मांतरण की गुत्थी को पूरी तरह सुलझाने में जुटी है। इस अवैध लेन-देन और धर्मांतरण के इस पूरे 'खेल' में कौन-कौन शामिल है और छांगुर बाबा को किसका संरक्षण प्राप्त था, एटीएस इस पर से भी परदा उठाएगी।
छांगुर बाबा के पूरे नेटवर्क को बेनकाब करना चाहती है यूपीएटीएस। तस्वीर-टाइम्स नाउ नवभारत
कोठी के अवैध हिस्से पर चला बुलडोजर
एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने कहा कि अवैध धन के जरिए जलालुद्दीन ने जहां-जहां अवैध संपत्तियां खड़ी की हैं, उनके बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। अवैध संपत्तियों को जब्त और उन्हें ध्वस्त भी किया जाएगा। 'छांगुर बाबा' के काले साम्राज्य पर बुलडोजर चलना भी शुरू हो गया है। बलरामपुर में लगातार तीन दिन तक बुलडोजर चलाकर 'छांगुर बाबा' की आलीशान कोठी को जमींदोज कर दिया गया है। ये कोठी ग्राम समाज की जमीन पर बनी थी। अधिकारियों ने बताया कि कोठी करीब एक एकड़ भूभाग में बनी थी जिसमें 2 बिस्वा जमीन सरकारी थी जिस पर अवैध निर्माण किया गया था। इसी अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई।
छांगुर बाबा यूपी के बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील के तहत रेहरा माफी गांव का रहने वाला है। भाइयों में सबसे बड़े छांगुर बाबा का बचपन गरीबी में बीता। बताया जाता है कि वह शुरू में साइकिल से ताबीज और अंगूठी बेचा करता था। कई सालों तक ये काम करने के बाद वह मुंबई चला गया और बाद में अपने आप को पीर घोषित कर दिया। पैसा आने पर 'छांगुर बाबा' ने ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़ा और 2005-2010 और 2015-2020 तक दो बार अपने गांव का प्रधान भी रहा। छांगुर बाबा के सहयोगी बब्बू चौधरी ने लगभग एक साल पहले उसके खिलाफ अवैध धर्मांतरण की शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद कई संगठनों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस का कहना है कि नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन और उसकी पत्नी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन की मुलाकात छांगुर बाबा से मुंबई में हुई थी। बाद में इस पूरे परिवार ने इस्लाम धर्म अपना लिया।
रडार पर 'छांगुर बाबा' की करीबी नसरीन के बैंक खाते
'छांगुर बाबा' की करीबी नीतू उर्फ नसरीन और उसके पति नवीन के बैंक अकाउंट्स रडार पर हैं। दोनों के बैंक अकाउंट्स से संदिग्ध लेन-देन की बात सामने आई है। नसरीन के आठ बैंक अकाउंट्स की डिटेल सामने आई है। नसरीन के एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कई बैंकों में अकाउंट हैं। नसरीन के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में विदेश से 5 करोड़ रुपए आए थे इसकी भी जांच की जाएगी। इन सभी बैंक अकाउंट्स से 13 करोड़ 90 लाख 10 हजार रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि अलग-अलग बैंक खातों में ₹106 करोड़ रुपए बाहर से आए। ज्यादातर पैसा सऊदी अरब खासकर मध्यपूर्व के देशों से आया। ईडी अब फॉरेन फंडिंग की भी जांच करेगी।
राष्ट्र विरोधी भी हैं आरोपी की गतिविधियां-सीएम योगी
इस पूरे मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'हमारी सरकार बहन-बेटियों की गरिमा और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अभियुक्त की गतिविधियाँ केवल समाज विरोधी ही नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं।' हालांकि छांगुर बाबा पर लगे आरोपों पर उनके और उनकी सहयोगी के वकील मोहम्मद आमिर का कहना है कि मामला अदालत में है, तो इस पर जो भी कुछ कहना होगा, वो अदालत में कहा जाएगा। जहां तक आरोपों का सवाल है, अभी इस पर जांच चल रही है।
'छांगुर बाबा' की संपत्तियों, खातों की शुरू हुई जांच
रिपोर्टों के मुताबिक ईडी ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस), राज्य सरकार के अधिकारियों और कुछ बैंकों को अवैध धर्मांतरण गिरोह के कथित सरगना जलालुद्दीन उर्फ 'छांगुर बाबा' की संपत्तियों, खातों और वित्तीय स्थिति का पता लगाने के लिए पत्र लिखा। संघीय जांच एजेंसी जल्द ही अदालत में याचिका दायर कर बलरामपुर जिले के रहने वाले उस व्यक्ति से पूछताछ के लिए हिरासत में रिमांड का अनुरोध करेगी, जिसका असली नाम करीमुल्ला शाह है। जलालुद्दीन, उसके बेटे महबूब और साथियों नवीन उर्फ जमालुद्दीन और नीतू उर्फ नसरीन को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। वे फिलहाल जेल में बंद हैं।
बलरामपुर में बड़ी सभाएं करता था
एजेंसी सूत्रों ने बताया कि ईडी को प्रारंभिक जानकारी मिली है, जिससे पता चलता है कि इस व्यक्ति ने अपने और अपने सहयोगियों से जुड़े 40 बैंक खातों में लगभग 106 करोड़ रुपये जमा किए हैं, जिनमें से ज्यादातर पश्चिम एशिया से हैं। सूत्रों ने आरोप लगाया कि जलालुद्दीन ने एक ‘व्यापक नेटवर्क’ बनाया था जो बलरामपुर में ‘चांद औलिया दरगाह’के परिसर से संचालित हो रहा था, जहां वह नियमित रूप से ‘बड़ी’सभाएं आयोजित करता था, जिनमें भारतीय और विदेशी दोनों नागरिक शामिल होते थे।
धर्म परिवर्तन के लिए गरीब लोगों पर दबाव बनाया
सूत्रों ने दावा किया कि इस व्यक्ति ने अपने धार्मिक प्रवचनों, ‘शिजरा-ए-तैय्यबा’नामक पुस्तक के प्रकाशन के माध्यम से इस्लाम को 'बढ़ावा' दिया, जबकि अन्य धर्मों के लोगों - विशेष रूप से हिंदुओं, अनुसूचित जातियों और आर्थिक रूप से वंचित व्यक्तियों - को ‘व्यवस्थित रूप से’धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित और मजबूर किया। सूत्रों ने बताया कि ‘अपराध से सृजित आय’का पता लगाने के लिए ईडी ने एटीएस, बलरामपुर जिला अधिकारियों और कुछ बैंकों के धन शोधन निरोधक प्रकोष्ठों को पत्र लिखकर जलालुद्दीन, उसके परिवार और उससे जुड़े लोगों की चल-अचल संपत्तियों, खातों और वित्त के बारे में जानकारी मांगी है।