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Mutual fund: म्यूचुअल फंड स्विचिंग क्या है? जानें ये 5 बातें, होगा फायदा

म्यूचुअल फंड निवेश का सबसे लोकप्रिय साधन है। इसके जरिये अधिकतम रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड स्विचिंग एक ऐसी प्रक्रिया है। जिसमें किसी खास स्कीम के म्यूचुअल फंड यूनिट को बेचना और उससे मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल दूसरी स्कीम की यूनिट खरीदने के लिए करना होता है।

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म्यूचुअल फंड निवेश का एक लोकप्रिय जरिया है तथा वैल्थ क्रिएशन के लिए बहुत ही शानदार साधन है। म्यूचुअल फंड निवेशक के तौर पर ऐसी अनेक स्ट्रेटीज हैं। जिन पर अपने रिटर्न को अधिकतम करने के लिए आप विचार कर सकते हैं। इस प्रकार की एक स्ट्रेटजी स्विचिंग है, जिसके मायने हैं कि किसी खास स्कीम के म्यूचुअल फंड यूनिट को बेचना तथा उससे मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल दूसरी स्कीम की यूनिट खरीदने के लिए करना है। यह टू-स्टेप लेनदेन प्रक्रिया है जहां पर बेचने के बाद खरीददारी की जाती है। स्विचिंग, हालांकि निवेश को मैनेज करने के लिए एक सुविधाजनक तथा प्रभावी तरीका है, लेकिन इसे इस्तेमाल करने से पहले इसे समझा जरूर जाना चाहिए। यहां पर संक्षिप्त में स्विचिंग के कुछ महत्वपूर्ण पहलू दिए गये हैं, जिनकी जानकारी आपको अवश्य होनी चाहिए।

म्यूचुअल फंड स्विचिंग

स्विचिंग के प्रकार

पहली प्रकार की स्विचिंग एक ही म्यूचुअल फंड हाउस की स्कीमों में स्विंचिंग करना है। इसमें स्कीम की यूनिट्स को बेचना, और उससे मिलने वाले पैसे को उसी फंड हाउस की किसी दूसरी स्कीम में ऑटोमैटिकली निवेश करना शामिल होता है। फंड हाउस द्वारा आपकी तरफ से नई स्कीम में यूनिट्स की खरीद के लिए फंड्स का इस्तेमाल किया जाता है। इस मामले में, यूनिट्स को बेचने पर मिलने वाली राशि को आपके अकाउंट में क्रेडिट नहीं किया जाता है। दूसरे प्रकार की स्विचिंग में दो अलग-अलग फंड हाउस शामिल होते हैं। यहां पर, एक फंड हाउस की स्कीम की यूनिट्स की बिक्री का जाती है, तथा उससे मिलने वाली राशि को आपके लिंक्ड बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है। तब आप अपने बैंक अकाउंट में उपलब्ध फंड्स को ट्रांसफर करके किसी दूसरे फंड हाउस की नई स्कीम में यूनिट्स खरीद सकते हैं।

स्विचिंग फीस तथा चार्ज

स्विचिंग में खरीदने और बेचने के लेनदेन शामिल होते हैं, जिसमें कुछ खास चार्ज वसूले जाते हैं। होल्डिंग की तय अवधि को पूरा किए बिना बेचे जाने वाले यूनिट्स पर एग्जिट लोड, जो आमतौर पर फंड वैल्यू का 1% होता है, वसूला जाता है। इस चार्ज की कटौती के बाद, बैलेंस को या तो आपकी पसंद की स्कीम में रिइनवेस्ट किया जाता है (इंटर-स्विचिंग लेनदेनों के लिए) या आपके बैंक अकाउंट में क्रेडिट किया जाता है (इंट्रा-स्विंचिंग लेनदेनों के लिए)। नई स्कीम में रि-इनवेस्ट करते समय, स्टाम्प ड्यूटी, सेस (उपकर) तथा फंड मैनेजमेंट फीस का भुगतान निवेशक को करना पड़ सकता है। इन चार्जेस को कम करने के बाद, शेष बैलेंस का नई स्कीम में निवेश कर दिया जाता है।

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