Hidden Lifestyle Factors Behind Cancer : कैंसर को पहले सिगरेट, शराब, तंबाकू आदि के सेवन से जोड़कर देखा जाता था। लेकिन डॉक्टरों के पास आज ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिन्हें बिना ऐसे किसी कारण भी कैंसर का शिकार होना पड़ रहा है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कैंसर के पीछे लाइफस्टाइल से जुड़े 5 बड़े कारण...
Hidden Lifestyle Factors Behind Cancer : डॉक्टर्स के पास आज आने वाले कैंसर के मरीजों में बहुत से लोग यही कहते हैं कि मैं तो घर का खाना खाता हूं, न शराब पीता हूं, न सिगरेट। फिर ये मुझे कैसे हो गया? आपने भी काफी लोगों के बारे में ऐसा जरूर सुना होगा। कि वह न तो सिगरेट पीते थे, न ही शराब फिर उन्हें कैंसर हो गया। जी हां देश में ऐसे मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। दशकों से स्वास्थ्य अभियान लगातार लोगों को तंबाकू और शराब के खतरों के बारे में जागरूक कर रहे हैं—और ये सही भी है। लेकिन आज कैंसर के पीछे केवल यही वजह नहीं रह गई है। डॉक्टर अब देख रहे हैं कि कैंसर का एक नया दौर शुरू हो गया है, जो किसी एक बुरी आदत से नहीं बल्कि रोजमर्रा की जीवनशैली की चुपचाप बनी आदतों से जुड़ा है। जी हां भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) का अनुमान है कि हर 9वां भारतीय अपने जीवनकाल में कैंसर का शिकार होगा। हर साल करीब 14 लाख नए मामले सामने आते हैं और 2040 तक ये संख्या 60% से ज्यादा बढ़ सकती है। इस जानलेवा बीमारी के बढ़ते खतरे को लेकर हमने बात की अमृता हॉस्पीटल, फरीदाबाद के वरिष्ठ सलाहकार, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, डॉ. ऋषभ कुमार से...
cancer causes
खाने में छिपा है खतरा
पहले भारतीय खानपान अनाज, दाल और सब्जियों पर आधारित होता था। लेकिन अब फास्ट फूड और प्रोसेस्ड स्नैक्स ने उसकी जगह ले ली है। एक्सपर्ट के अनुसार, शहरी युवाओं में पेट और आंतों के कैंसर तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसके पीछे नमक से भरपूर और फाइबर की कमी वाले खाने के साथ मीठे पेय (सॉफ्ट ड्रिंक) बड़ा कारण दिखते हैं।
आज एक-तिहाई से ज्यादा भारतीय लोग शारीरिक गतिविधि वाले काम नहीं करते। वह घंटों स्क्रीन के सामने बैठना, लंबी दूरी की यात्रा और व्यस्त दिनचर्या वाले काम में लगे हैं। जिसमें कम चलना, कम खेलना और कम एक्टिव रहना शामिल है। जिसका नतीजा स्तन और आंतों का कैंसर के रूप में सामने आ रहा है। ये सीधे-सीधे निष्क्रिय जीवन शैली से जुड़े हैं।
लंबी सिटिंग भी खतरनाक
मोटापा बना दुश्मन
भारत में 13.5 करोड़ लोग मोटापे से जूझ रहे हैं। विज्ञान साफ बताता है कि मोटापा कम से कम 13 तरह के कैंसर से जुड़ा है, जिनमें स्तन, गर्भाशय और अग्न्याशय (पैंक्रियास) का कैंसर शामिल है। फर्क सिर्फ इतना है कि सिगरेट और शराब पर कैंसर की चेतावनी लिखी होती है, लेकिन हमारे खाने की थाली या डेस्क जॉब पर कोई चेतावनी देखने को नहीं मिलती है।
मोटापा
तनाव और नींद की कमी
भारत के शहरों में नींद की कमी और मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। हर सातवें आदमी को मानसिक स्वास्थ्य की किसी न किसी तरह की समस्या है। लगातार रहने वाला तनाव हार्मोन के स्तर को खराब करता है और नींद को खराब करता है, जिससे शरीर की इम्यून क्षमता कमजोर होती है और बीमारियां पनपने लगती हैं।
तनाव
जहरीली हवा
लेख में ऊपर बताए गए सभी कारणों में सबके ऊपर है प्रदूषण। भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में गिना जाता है। "ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज" की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल 1.6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत सिर्फ फेफड़ों के कैंसर से होती है, जिसका कारण है हवा में फैला हुआ जहर। लंग कैंसर के ऐसे बहुत से मरीज सामने आ रहे हैं, जिन्होंने जीवन में कभी भी सिगरेट नहीं पी है।
प्रदूषण
कैसे करें कैंसर की रोकथाम
अमृता अस्पताल, फरीदाबाद के रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. ऋषभ कुमार कहते हैं। कि “सालों से कैंसर की चर्चा सिगरेट और शराब तक सीमित रही है। लेकिन अब हमें पता है कि रोजमर्रा की आदतें जैसे - हम कितना चलते हैं, क्या खाते हैं, तनाव कैसे संभालते हैं ये सब उतने ही अहम हैं। भारत कैंसर महामारी के किनारे खड़ा है और इसे रोकने का सबसे बड़ा तरीका है रोकथाम। यदि आप छोटी-छोटी आदतें को लगातार अपनाएं तो तो हजारों जिंदगियां बच सकती हैं।” याद रखें कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की असली रोकथाम अस्पताल में नहीं, बल्कि हमारी दिनचर्या (रसोई, नींद और लाइफस्टाइल) में शुरू होती है।