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डायबिटीज वाले लोग नंगे पैर क्यों न चलें? फायदे के चक्कर में हो जाएगा नुकसान, एक्सपर्ट ने बताई बड़ी वजह

Barefoot Walking Risks In Diabetes: आमतौर पर हम देखते हैं कि डायबिटीज के मरीज सुबह नंगे पैर जमीन पर या घास पर पैदल चलते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं की ऐसा करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए नंगे पैर चलना नुकसानदेह हो सकता है। इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। हाल ही में एक आयुर्वेदिक एक्सपर्ट ने इसकी वजह बताई है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं....
Barefoot Walking Risks In Diabetes

Barefoot Walking Risks In Diabetes

तस्वीर साभार : iStock

Barefoot Walking Risks In Diabetes: अक्सर लोग बेहतर स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए "ग्राउंडिंग" यानी नंगे पैर चलने की सलाह देते हैं। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि इससे शरीर को एनर्जी बैलेंस मिलता है और तनाव भी कम होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए यह आदत खतरनाक साबित हो सकती है?

हेल्थ इन्फ्लुएंसर और आयुर्वेदिक डॉक्टर नील सवालिया के मुताबिक, डायबिटीज पेशेंट्स को पैरों की देखभाल पर खास ध्यान देना चाहिए। नंगे पैर चलने से पैरों में चोट, संक्रमण और अल्सर जैसी गंभीर समस्या हो सकती है, जो धीरे-धीरे बिगड़कर अंग कटने (amputation) तक का कारण बन सकती है। तो आइए जानते हैं कि एक्सपर्ट्स क्यों डायबिटीज के मरीजों को नंगे पैर चलने से मना करते हैं और इसके सुरक्षित विकल्प क्या हो सकते हैं।

पैरों की नर्व सेंसेटिविटी कम हो जाती है

डायबिटीज में धीरे-धीरे पैरों की नसों की संवेदनशीलता (nerve sensitivity) कम हो जाती है। ऐसे में अगर पैर में छोटी-सी चोट, कांटा या खरोंच लग भी जाए, तो कई बार मरीज को पता ही नहीं चलता। यही छोटी-सी लापरवाही बाद में बड़े खतरे का कारण बन सकती है।

चोट और संक्रमण का बढ़ा खतरा

नंगे पैर चलने पर पैरों में कांटे, पत्थर या खुरदरे सतह से कटने-छिलने का डर ज्यादा होता है। डायबिटीज में चोट भरने की क्षमता (healing process) धीमी हो जाती है, जिससे छोटी सी चोट भी संक्रमण का रूप ले सकती है। यही संक्रमण आगे चलकर नॉन-हीलिंग अल्सर में बदल सकता है।

अल्सर बन सकते हैं गंभीर जटिलताओं का कारण

डायबिटीज में पैरों के घाव जल्दी नहीं भरते हैं। नंगे पैर चलने से बने घाव धीरे-धीरे अल्सर में बदल सकते हैं। कई मामलों में ये अल्सर इतने गंभीर हो जाते हैं कि मरीज को अम्प्यूटेशन यानी पैर का हिस्सा कटवाना पड़ जाता है।

सुरक्षित विकल्प भी हैं मौजूद

अगर आप ग्राउंडिंग यानी प्रकृति से जुड़ाव का फायदा उठाना चाहते हैं तो इसके सुरक्षित विकल्प अपना सकते हैं जैसे,

  • घास पर बैठना (मैट के साथ)
  • खुले वातावरण में प्राणायाम और मेडिटेशन करना
  • पौधों और पेड़ों को छूना या उनके नीचे बैठकर उनका सानिध्य महसूस करना।
इनसे भी मन और शरीर को वही सकारात्मक ऊर्जा मिल सकती है, जो नंगे पैर चलने से मिलती है।

कब और कहां चल सकते हैं नंगे पैर

अगर फिर भी कोई डायबिटीज पेशेंट नंगे पैर चलना चाहता है तो उसे बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। जैसे कि केवल साफ-सुथरी और सुरक्षित जगहों पर चलना, जैसे इनडोर गार्डन का मुलायम घास, धुली हुई नदी की रेत या कीटनाशक रहित नम मिट्टी। इसके अलावा पैरों को नंगे पैर चलने से पहले और बाद में ध्यान से जांचना भी जरूरी है।

गांध बांध लें एक्सपर्ट की ये बात

डायबिटीज पेशेंट्स के लिए पैरों की सुरक्षा ही सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। नंगे पैर चलना भले ही नेचुरल थेरेपी माना जाता हो, लेकिन डायबिटीज में यह गंभीर नुकसान का कारण बन सकता है। डॉक्टर नील सवालिया की मानें तो अगर आप अपनी सेहत को लेकर सचेत हैं, तो पैरों को हर हाल में सुरक्षित रखें और नेचर से जुड़ने के लिए हमेशा सुरक्षित विकल्पों को चुनें।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet author

विनीत टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में फीचर डेस्क के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़े हैं। वे मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। इन्हें हेल्थ, फिटनेस और न्य...और देखें

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