अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब, अब तक 3.42 लाख से अधिक ने किए दर्शन; 9 अगस्त को होगा समापन

अमरनाथ यात्रा (फोटो: ANI)
Amarnath Yatra 2025: इस साल अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से हुई थी और अब तक 3.42 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं। तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ लगातार जारी है, जिससे आस्था का माहौल और भी उत्साहपूर्ण बन गया है। गुरुवार को 3,500 श्रद्धालुओं का एक नया जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी स्थित दोनों आधार शिविरों बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने जानकारी दी कि बीते 21 दिनों में 3.42 लाख से अधिक लोग अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि 3.50 लाख यात्रियों का आधिकारिक आंकड़ा गुरुवार को ही पार हो जाएगा, जबकि यात्रा के समापन में अभी 17 दिन शेष हैं। पूरी यात्रा अब तक शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से चल रही है।
छड़ी मुबारक का पूजन
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा के लिए दो सुरक्षा काफिले जम्मू से रवाना हुए। पहले काफिले में 45 वाहन शामिल थे, जो सुबह 3:25 बजे 832 यात्रियों को लेकर बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ। वहीं, दूसरा काफिला 95 वाहनों में सवार 2,668 श्रद्धालुओं को लेकर सुबह 4:01 बजे पहलगाम आधार शिविर के लिए निकला। छड़ी मुबारक (भगवान शिव का पवित्र निवास) का भूमि पूजन इस वर्ष 10 जुलाई को पहलगाम में पारंपरिक विधि से हुआ था। इसके बाद छड़ी मुबारक को वापस श्रीनगर स्थित दशनामी अखाड़ा भवन में ले जाया गया। अब यह पवित्र छड़ी 4 अगस्त को दशनामी अखाड़ा मंदिर, श्रीनगर से गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को पवित्र गुफा में पहुंचेगी। इसी के साथ अमरनाथ यात्रा का आधिकारिक समापन माना जाएगा।
8,000 कमांडो तैनात
अधिकारियों ने बताया कि इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए बहु-स्तरीय और सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यह यात्रा उस आतंकी हमले के बाद हो रही है, जो 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुआ था, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी। यात्रा की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 180 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना ने 8,000 से अधिक विशेष कमांडो भी इस बार तैनात किए हैं।
हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं
अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 3 जुलाई को शुरू हुई थी और यह 38 दिनों तक चलकर 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के पावन अवसर पर खत्म होगी। श्रद्धालु कश्मीर हिमालय की 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए दो प्रमुख मार्गों का उपयोग करते हैं पारंपरिक एक पहलगाम मार्ग और दूसरा छोटा बालटाल मार्ग। पहलगाम मार्ग से यात्रा करने वाले श्रद्धालु चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी होते हुए गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं। यह मार्ग करीब 46 किलोमीटर लंबा है और इस पर यात्रा पूरी करने में आमतौर पर चार दिन लगते हैं। वहीं, बालटाल मार्ग अपेक्षाकृत छोटा है। यहां यात्रियों को 14 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है। इस मार्ग की खास बात यह है कि श्रद्धालु एक ही दिन में दर्शन करके वापस आधार शिविर लौट सकते हैं। इस साल सुरक्षा कारणों से श्रद्धालुओं के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
(इनपुट - आईएएनएस)
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