Bank Fraud Case: CBI ने बैंक धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी के खिलाफ केस किया दर्ज, परिसरों पर मारा छापा

अनिल अंबानी के यहां सीबीआई की रेड (फाइल फोटो- PTI)
Bank Fraud Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय स्टेट बैंक से 2929.05 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के संबंध में हाल में मामला दर्ज करने के बाद शनिवार को रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के निदेशक अनिल अंबानी के मुंबई स्थित आवास की तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अनिल अंबानी के खिलाफ केस दर्ज
सीबीआई ने एक बयान में कहा कि एजेंसी की टीम ने मुंबई में दो जगहों-रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (आरकॉम) के आधिकारिक परिसर और अनिल अंबानी के आवासीय परिसर पर तलाशी ली। सीबीआई ने बृहस्पतिवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शिकायत के आधार पर आरकॉम मुंबई, इसके निदेशक अनिल अंबानी, अज्ञात लोक सेवकों और अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। सूत्रों ने बताया कि यह छापेमारी मुंबई के कफ परेड स्थित अंबानी के आवास 'सी विंड' पर हुई।
एसबीआई की शिकायत
एसबीआई की शिकायत के अनुसार, कंपनी पर विभिन्न ऋणदाताओं का 40,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया था, जिसमें अकेले एसबीआई को 2018 के आंकड़ों के अनुसार 2929.05 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीबीआई ने बताया कि अंबानी और आरकॉम पर कथित तौर पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई की प्रवक्ता ने कहा, "आरोप है कि आरोपियों ने आपराधिक साजिश के तहत गलत जानकारी दी और आरकॉम के पक्ष में एसबीआई से ऋण सुविधाएं स्वीकृत करवाईं।"
उन्होंने कहा कि यह भी आरोप है कि ऋण की राशि का दुरुपयोग किया गया और इसमें हेरफेर की गई।
क्या है पूरा मामला
एसबीआई की शिकायत के अनुसार, रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम), आरकॉम की सहायक कंपनी रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड (आरआईटीएल) और रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (आरटीएल) ने बैंकों से कुल मिलाकर 31,580 करोड़ रुपये प्राप्त किए। वर्ष 2020 में किए गए फॉरेंसिक ऑडिट में बैंकों से प्राप्त धन के इस्तेमाल का पता लगाया गया, जिससे आरकॉम द्वारा प्राप्त और इस्तेमाल धन में हेराफेरी का पता चला। इसमें आरोप लगाया गया है कि उपयोग मंजूरी की शर्तों के अनुसार नहीं था। यह आरोप लगाया गया है कि 13667.73 करोड़ रुपये (44 प्रतिशत) का उपयोग बैंकों और एफआईआई को ऋण और अन्य दायित्वों के पुनर्भुगतान के लिए किया गया, और 12692.31 करोड़ रुपये (41 प्रतिशत) का उपयोग संबंधित पक्षों को भुगतान करने के लिए किया गया। ऑडिट में अनियमित लेनदेन का ब्योरा देते हुए रेखांकित किया गया है कि बैंकों से ऋण के माध्यम से प्राप्त 6265.85 करोड़ रुपये का उपयोग अन्य बैंक ऋणों के भुगतान के लिए किया गया, 5501.56 करोड़ रुपये के ऋण का उपयोग संबंधित और जुड़े पक्षों को भुगतान करने के लिए किया गया और विभिन्न बैंकों से प्राप्त ऋणों से 1883.08 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
सीबीआई प्रवक्ता ने बयान में कहा कि रिलायंस एडीए समूह की एक कंपनी, नेटिज़न इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए पूंजीगत अग्रिमों को बट्टे खाते में डाल दिया गया। इसके अलावा, फर्जी देनदार बनाए गए और उन्हें भी बट्टे खाते में डाल दिया गया।
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शिशुपाल कुमार टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल के न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं और उन्हें पत्रकारिता में 13 वर्षों का अनुभव है। पटना से ताल्लुक रखने वाले शिशुपा...और देखें

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