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Gurmeet Ram Rahim : गुरमीत राम रहीम को बड़ी राहत, रणजीत सिंह मर्डर केस में हाई कोर्ट ने किया दोषमुक्त

Gurmeet Ram Rahim : डेरा सिरसा के चीफ गुरमीत राम रहीम को बड़ी राहत मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने रणजीत मर्डर केस में उन्हें रिहा कर दिया है। राम रहीम सुनारिया जेल में बंद है।
Ram Rahim

गुरप्रीत राम रहीम को राहत।

Gurmeet Ram Rahim : डेरा सिरसा के चीफ गुरमीत राम रहीम को बड़ी राहत मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने रणजीत मर्डर केस में उन्हें रिहा कर दिया है। इस मर्डर केस में सीबीआई की अदालत ने राम रहीम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी लेकिन हाई कोर्ट ने उसके फैसले को खारिज कर दिया। रणजीत मर्डर केस में पंचकूला की सीबीआई अदालत ने 2021 में राम रहीम को आजीवन कारावास की सजा और 31 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। इस केस में जिन पांच लोगों को हाई कोर्ट से राहत मिली है उनमें राम रहीम भी शामिल हैं।

सुनारिया जेल में बंद है राम रहीम

बता दें कि इस सजा के खिलाफ राम रहीम ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। इस अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई अदालत के फैसले को रद्द कर दिया है। सिरसा डेरा के प्रबंधक रहे रणजीत सिंह को 10 जुलाई 2002 की शाम को गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। 2003 में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। इसके बाद 2021 में सीबीआई की अदालत ने राम रहीम सहित पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। साध्वी यौन शोषण मामले में भी राम रहीम को 20 साल की सजा हुई है। इन दिनों वह सुनारिया जेल में बंद है।

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मर्डर केस में पहले नाम नहीं था

इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। हालांकि, शुरूआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था। 2006 में ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को आरोपियों में शामिल किया गया। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर एवं जस्टिस ललित बात्रा की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। डेरा प्रमुख को अभी रेप मामले और राम चंदर छत्रपति मर्डर केस में राहत नहीं मिली है। ये मामले अभी लंबित हैं। जेल में सजा काटने के दौरान राम रहीम पैरोल पर बाहर आता रहा है। बार-बार पैरोल पर रिहा करने पर सवाल भी उठे हैं। उसके पैरोल पर हाई कोर्ट भी सख्ती दिखा चुका है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि बिना उससे पूछे पैरोल न दिया जाए। कोर्ट ने हरियाणा सरकार से यह भी पूछा कि वह इस तरह से पैरोल कितने कैदियों को दे चुकी है।

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आलोक कुमार राव author

आलोक कुमार राव न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं। यूपी के कुशीनगर से आने वाले आलोक का पत्रकारिता में करीब 19 साल का अनुभव है। समाचार पत्र, न्यूज एजेंसी, टेल...और देखें

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