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देश

न तो कार्यकर्ता... न ही पोलिंग एजेंट, बिहार में राहुल गांधी के लिए हो रही मुफ्त मार्केटिंग, AAP का कांग्रेस पर करारा हमला

दिल्ली में भाजपा को जीत दिलाने के लिए कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। यह आरोप AAP की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस पार्टी पर लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए कांग्रेस ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। इसके अलावा बिहार चुनाव को लेकर भारद्वाज ने कहा कि न तो कांग्रेस के पास कार्यकर्ता हैं और न ही पोलिंग एजेंट। फिर भी बिहार में राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं।

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AAP Attack on Congress: आम आदमी पार्टी ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ मिलीभगत की और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए बिना कोई जमीनी अभियान चलाए करोड़ों रुपये बहा दिए। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने आप के आरोपों का कड़ा खंडन करते हुए उन्हें मनगढ़ंत और निराधार बताया। एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि AAP की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शहर कांग्रेस नेतृत्व के खुलासे से उस बात की पुष्टि होती है जिसका उनकी पार्टी को लंबे समय से संदेह था कि कांग्रेस ने इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि भाजपा को जिताने में मदद करने के लिए लड़ा था।

Saurabh Bharadwaj

AAP की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज (Photo-PTI)

कांग्रेस ने करोड़ों खर्च किए फिर भी नहीं खोल पाई खाता-सौरभ भारद्वाज

आप नेता ने दावा किया कि कांग्रेस ने आप के हर वरिष्ठ नेता को निशाना बनाया। लगभग 46 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें 44 करोड़ रुपये नकद भी शामिल थे और फिर भी अपना खाता नहीं खोल पाई। उन्होंने आगे कहा कि आमतौर पर लोग अनुमान लगाते हैं कि एक पार्टी दूसरी पार्टी का समर्थन कर रही है। लेकिन इस बार, यह स्वीकार किया गया है कि कांग्रेस ने जानबूझकर दिल्ली में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम किया। यहां तक कि बुद्धिजीवी कांग्रेस समर्थकों को भी पूछना चाहिए कि उनकी पार्टी क्या कर रही है। भारद्वाज ने आगे दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेस आलाकमान ने अपनी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठकों के दौरान इस फैसले को मंजूरी दी।

राहुल गांधी के लिए मुफ्त मार्केटिंग

आप नेता ने कहा - कांग्रेस दिल्ली में पहले से ही शून्य पर थी और करोड़ों खर्च करने के बाद भी वह शून्य पर ही रही। आप ने चुनावों पर 14 करोड़ रुपये और भाजपा ने 57 करोड़ रुपये खर्च किए। जब आप को चेक के जरिए 1 करोड़ रुपये मिले, तो प्रधानमंत्री ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया। लेकिन जब कांग्रेस ने 44 करोड़ रुपये नकद इकट्ठा किए तो पूरी तरह से चुप्पी साध ली गई। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि जिस तरह भाजपा ने क्षेत्रीय दलों का सहारा लेकर सत्ता हासिल की। उसी तरह कांग्रेस भी सोचती है कि वह क्षेत्रीय दलों को कुचलकर सत्ता हासिल कर सकती है। उन्होंने कांग्रेस को लेकर आगे कहा कि बिहार में मतदाता, कार्यकर्ता और झंडाबरदार तेजस्वी यादव के हैं लेकिन राहुल गांधी के लिए मुफ्त मार्केटिंग की जा रही है। जमीनी स्तर पर कांग्रेस के पास न तो कार्यकर्ता हैं, न ही पोलिंग एजेंट फिर भी नारा 'राहुल गांधी जिंदाबाद' का लग रहा है।

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा की मदद की

वहीं पर आप नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आतिशी ने भी कांग्रेस पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया और कहा कि दोनों दल "पर्दे के पीछे दोस्ती" बनाए रखते हैं जबकि सार्वजनिक रूप से लड़ने का नाटक करते हैं। आप के इन आरोपों पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने कहा कि उनकी पार्टी ने हर सीट पर मजबूती से विधानसभा चुनाव लड़ा और पिछली आप सरकार और भाजपा शासित नगर निगम, दोनों की नाकामियों को उजागर किया। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि आप अपनी स्थापना के बाद से ही झूठ और नकारात्मकता की राजनीति करती आ रही है। कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले आप को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।

कांग्रेस और भाजपा के बीच वैचारिक संघर्ष

अनिल भारद्वाज ने जोर देते हुए कहा कि देश का हर नागरिक जानता है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच वैचारिक संघर्ष है। कोई भी कांग्रेस पर चुनावों में भाजपा की मदद करने का आरोप नहीं लगा सकता और अगर कोई ऐसा करता है, तो यह उसकी संकीर्ण मानसिकता को ही दर्शाता है। भारद्वाज ने आगे आरोप लगाया कि आप ने ही गोवा, उत्तराखंड, गुजरात और हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में अपने उम्मीदवार उतारकर भाजपा की मदद की, जिसका एकमात्र उद्देश्य कांग्रेस के वोट काटना था। 5 फरवरी को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौटी और उसने 70 में से 48 सीटें जीतीं। आप को 22 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।

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    Monu Jha author

    मोनू कुमार 'Times Now नवभारत' के डिजिटल डेस्क पर Senior Copy Editor के रूप कार्यरत हैं। 'खबरों की दु...और देखें

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