शरीर में चिप लगे 75 चूहों को कल स्पेस में रवाना करेगा रूस, जीवों पर असर के लिए खास है यह मिशन
Russia Bion M No 2 biosatellite : स्पेस यात्रा के दौरान जीवों पर क्या असर पड़ता है, इसका शोध करने के लिए रूस 20 अगस्त को अपना बायोन-एम नंबर 2 (Bion-M No. 2) बॉयोसैटेलाइट भेजने जा रहा है। इस जैव उपग्रह को कजाखिस्तान के बौकोनूर कॉस्मोड्रोम से रॉकेट सोयुज-2.1 बी (Soyuz-2.1b) से रवाना किया जाएगा। रूस का यह अंतरिक्ष मिशन 30 दिन का होगा। स्पेसक्रॉफ्ट में 75 चूहे, 1000 से ज्यादा फल मक्खियां, पौधों के बीज आदि अन्य चीजों को भेजा जाएगा। (तस्वीर-@katlinegrey)

स्पेस उड़ानों के लिए आवश्यक डेटा प्रदान करेगा मिशन
सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) और विकिरण (radiation) के लंबे समय तक संपर्क का जीवित प्राणियों पर क्या प्रभाव पड़ता है, इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस बायोसैटेलाइट को डिजाइन किया गया है। यह शोध भविष्य में मानव अंतरिक्ष उड़ानों के लिए आवश्यक डेटा प्रदान करेगा। (तस्वीर- @EmbassyofRussia)

ध्रुव-से-ध्रुव पथ पर परिक्रमा करेगा
बायन-एम नंबर 2 लगभग 97 डिग्री झुकाव वाले ध्रुव-से-ध्रुव (pole-to-pole) पथ पर परिक्रमा करेगा, जहां ब्रह्मांडीय विकिरण का स्तर काफी अधिक होता है। (तस्वीर- @EmbassyofRussia)

इस मिशन में विकिरण की मात्रा अधिक
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस मिशन में विकिरण की मात्रा पिछले मिशन की तुलना में कम से कम दस गुना अधिक होगी, जिससे ऐसी परिस्थितियां बनेंगी जो गहरे अंतरिक्ष यात्राओं पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के सामने आने वाली स्थितियों से अधिक मेल खाती हैं। (तस्वीर- @EmbassyofRussia)

शोध में चूहों की भूमिका अहम है
इस शोध में चूहों की भूमिका केंद्रीय है, क्योंकि उनकी आनुवंशिक समानता मनुष्यों से मिलती-जुलती है, उनका जीवन चक्र छोटा होता है और वे विकिरण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। (तस्वीर-@katlinegrey)

कैमरे और सेंसर वास्तविक समय का डेटा भेजेंगे
हर चूहे के कंटेनर में भोजन, प्रकाश, वेंटिलेशन और अपशिष्ट निपटान की व्यवस्था होगी। कैमरे और सेंसर वास्तविक समय का डेटा भेजेंगे, जबकि कुछ रोडेंट्स में प्रत्यारोपित चिप्स होंगे जो शारीरिक परिवर्तनों की निगरानी करेंगे। (तस्वीर-@katlinegrey)

चूहों के साथ-साथ फल मक्खियां भी शामिल की गई हैं
वापसी पर, वैज्ञानिक यह अध्ययन करेंगे कि चूहों ने अंतरिक्ष में कैसे अनुकूलन किया और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में लौटने पर उनकी पुनर्प्राप्ति कैसी रही। चूहों के साथ-साथ फल मक्खियां भी शामिल की गई हैं, जो विकिरण के आनुवंशिक और कोशिकीय प्रभावों पर पूरक डेटा देंगी। (तस्वीर-@katlinegrey)

दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष यात्राओं से संबंधित है मिशन
बायन-एम नंबर 2 मिशन से यह उम्मीद की जा रही है कि यह सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण और विकिरण का जैविक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है, इस पर महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएगा। यह जानकारी सीधे तौर पर चंद्रमा, मंगल और उससे आगे तक की दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष यात्राओं से संबंधित होगी। (तस्वीर-@katlinegrey)

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