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भारतीय शेयर बाजार से अबतक विदेशी निवेशकों ने कितने रुपए निकाले? सामने आई पूरी डिटेल

​मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने शुक्रवार को एफपीआई (FPI) निवेशकों के लिए सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम को मंजूरी दी है। इससे विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में एंट्री आसान होगी और इससे निवेश को नई गति मिल सकती है। वहीं, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बुधवार को होने वाली बैठक भी अहम होगी। बाजार को उम्मीद है कि 25 बेसिस प्वाइंट की रेट कटौती हो सकती है, जिसका असर एफआईआई के फैसलों पर पड़ेगा।
FPI Withdrawal

FPI Withdrawal

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने सितंबर में अब तक भारतीय शेयर बाजार में जोरदार बिकवाली की है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने इस महीने अब तक करीब 10,782 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। इसके बावजूद निफ्टी लगातार आठवें सत्र में मजबूती बनाए हुए है। शुक्रवार को जहां एफआईआई मामूली रूप से 129.6 करोड़ रुपये के खरीदार रहे, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 1,556 करोड़ रुपये की जोरदार खरीदारी की।

क्यों हो रही है एफआईआई की बिकवाली?

विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में वैल्यूएशन काफी ऊंचे हैं और इसकी तुलना में चीन, हांगकांग और दक्षिण कोरिया जैसे बाजार सस्ते हैं। यही वजह है कि एफआईआई भारत से पैसा निकालकर इन बाजारों में निवेश कर रहे हैं। जीजॉयट इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी.के. विजयकुमार का मानना है कि यह रणनीति अब तक उनके लिए फायदेमंद रही है क्योंकि 2025 में इन बाजारों ने भारत को पछाड़कर बेहतर रिटर्न दिया है।

आगे का रुझान क्या होगा?

विजयकुमार के मुताबिक, भारतीय बाजार में बदलाव के संकेत दिख रहे हैं। जीडीपी ग्रोथ पहली तिमाही में मजबूत रही है और टैक्स कटौती, एमपीसी की ओर से ब्याज दरों में कमी और जीएसटी रेशनलाइजेशन जैसे सुधार भविष्य की ग्रोथ को सपोर्ट कर सकते हैं। उनका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में भले ही अर्निंग्स ग्रोथ 8-10% तक सीमित रहे, लेकिन FY27 में यह 15% से ज्यादा हो सकती है। इसका असर बाजार पर पहले ही दिखना शुरू हो सकता है और निफ्टी इस साल नया रिकॉर्ड बना सकता है। ऐसे में एफआईआई फिर से खरीदार बन सकते हैं।

SEBI की नई राहत और फेडरल रिजर्व का असर

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने शुक्रवार को एफपीआई (FPI) निवेशकों के लिए सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम को मंजूरी दी है। इससे विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में एंट्री आसान होगी और इससे निवेश को नई गति मिल सकती है। वहीं, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बुधवार को होने वाली बैठक भी अहम होगी। बाजार को उम्मीद है कि 25 बेसिस प्वाइंट की रेट कटौती हो सकती है, जिसका असर एफआईआई के फैसलों पर पड़ेगा।

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रिचा त्रिपाठी author

लखनऊ शहर से आने वाली रिचा त्रिपाठी ने नोएडा में अपनी अलग पहचान बनाई है। रिचा त्रिपाठी टाइम्स नाउ नवभारत में सीनियर कॉपी एडीटर हैं। रिचा 7 साल से मीडि...और देखें

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