12, 14 या 16 कितने घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग है सही? जानें इसके फायदे, जरूरी नियम और सावधानियां

क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग, इसके नियम और सावधानियां?
Intermittent Fasting in Hindi : खानपान और लाइफस्टाइल की कमियों के चलते आजकल बहुत से लोग मोटापा के शिकार होते जा रहे हैं। जिसे कम करने के लिए लोग महंगे-महंगे वेट लॉस फूड्स और हैवी एक्सरसाइज का सहारा लेते हैं। यदि आप अपने वजन को तेजी से कम करना चाहते हैं, तो एक डाइट का नाम इन दिनों बहुत लिया जाता है और इसके कारगर होने के दावे किए जाते हैं। इस डाइटिंग तरीके का नाम है इंटरमिटेंट फास्टिंग।
इंटरमिटेंट फास्टिंग दरअसल खाने का एक असरदार तरीका है, जो आपको वजन कम करने में काफी मदद करता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग कोई डाइट प्लान नहीं है, बल्कि एक खाने का एक खास तरीका है। जिसमें आप दिन के कुछ घंटों में खाना खाते हैं और बाकी समय उपवास (fasting) करते हैं। आज हम आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे, नियम, और जरूरी सावधानियों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है? - What is Intermittent Fasting?
प्रियंका बांदल, वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ, मणिपाल अस्पताल, बानेर, पुणे ने बताया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) एक कोई स्पेशल डाइट प्लान नहीं बल्कि खानपान की प्रक्रिया है। जिसमें व्यक्ति एक निर्धारित समय पर खाना खाता है और बाकी समय उपवास यानी फास्टिंग करता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग यह तय नहीं करता कि क्या खाना है, बल्कि इसमें यह तय किया जाता है कि कब खाना है। यह कोई पारंपरिक डाइट नहीं, बल्कि एक खाने का पैटर्न है। जिसमें शरीर को एक लंबे समय तक बिना भोजन के रहने दिया जाता है, जिससे पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर अतिरिक्त फैट जलाना शुरू करता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग का सबसे कॉमन रूल 16:8 है। जिसमें आप 16 घंटे उपवास करते हैं और बाकी बचे हुए 8 घंटे में ही अपना खाना-पीना करते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे - Benefits of Intermittent Fasting
डाइटीशियन प्रियंका अग्रवाल, मैक्स हॉस्पिटल नोएडा की मानें तो इंटरमिटेंट फास्टिंग न केवल वेट लॉस में मदद करती है। बल्कि इससे कई तरह के हेल्थ बेनिफिट्स आपको मिलते हैं। एक नजर इंटरमिटेंट फास्टिंग से होने वाले फायदों पर।
वजन घटाने में सहायक: इंटरमिटेंट फास्टिंग से हमारा कैलोरी इंटेक काफी कम हो जाता है। जिससे हमारा शरीर बॉडी में जमा फैट को एनर्जी में बदलना शुरू करता है। इस तरह आपको वेट लॉस में काफी मदद मिलती है।
इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार: इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करता है। जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में बना रहता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके डायबिटीज के जोखिम को कम करने में कारगर होती है।
हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है: इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से आपका बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है, और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा इससे ट्राइग्लिसराइड लेवल भी कम होता है। जिससे आपकी हार्ट हेल्थ बेहतर बनी रहती है।
मेटाबॉलिज्म को तेज करता है: इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में कारगर साबित होती है। वहीं स्ट्रांग मेटाबॉलिज्म आपकी फैट बर्निंग प्रोसेस को काफी तेज कर देता है। जिससे आपको वेट लॉस में काफी मदद मिलती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के नियम - Intermittent Fasting Rules
प्रियंका अग्रवाल बताती हैं कि बेहतर परिणाम के लिए हमें इंटरमिटेंट फास्टिंग में खानपान से लेकर लाइफस्टाइल संबंधी कुछ जरूरी नियमों को फॉलो करना चाहिए। आइए जानते हैं उनके बताए कुछ जरूरी नियम-
सही फास्टिंग पैटर्न चुनें : इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई तरीके होते हैं। शुरुआत में आप इनमें से किसी एक तरीके को चुन सकते हैं। इसमें आप 16:8 प्लान - (16 घंटे उपवास, 8 घंटे भोजन) 5:2 प्लान- (हफ्ते में 5 दिन सामान्य भोजन और 2 दिन सिर्फ 500-600 कैलोरी इंटेक) OMAD (One Meal A Day) प्लान - (पूरे दिन में सिर्फ एक बार भोजन करना ) जैसे तरीकों में से कोई एक अपना सकते हैं।
उपवास के दौरान कैलोरी फ्री चीजें लें : इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय खाने के अलावा वाले समय में आपको कुछ लो कैलोरी फूड्स का सेवन करना चाहिए। जिसमें आप पानी, ग्रीन-टी, ब्लैक टी, ब्लैक कॉफी और नींबू पानी जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए।
खाने में पौष्टिक आहार लें : इंटरमिटेंट फास्टिंग में उपवास खत्म होने के बाद आपको हेल्दी फूड्स का सेवन करना चाहिए। जिसमें आप हाई फाइबर और प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन करें। इसके अलावा आपको ताजे फल, सब्जियां और नट्स का सेवन करें।
रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें : इंटरमिटेंट फास्टिंग के बेहतर परिणामों के लिए आपको फास्टिंग के दौरान हल्का व्यायाम भी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना चाहिए। जिसमें आप वॉकिंग और कुछ योगासन को डेली लाइफ का हिस्सा बना सकते हैं।
भरपूर पानी पिएं : इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए आपको अपना वाटर इंटेक भी दुरुस्त रखना चाहिए। इसके लिए रोजाना भरपूर पीना चाहिए। आप रोजाना कम से कम 3 लीटर पानी पीने की आदत जरूर बनाएं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में इन गलतियों से बचें
डॉ. श्रेय श्रीवास्तव, वरिष्ठ सलाहकार- आंतरिक चिकित्सा, शारदा अस्पताल, ग्रेटर नोएडा की मानें तो इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान लोग अक्सर कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उनकी सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है। आपको इस दौरान कुछ स्वास्थ्य संबंधी गलतियां नहीं करनी चाहिए, जैसे-
फास्ट खत्म होते ही ओवरईटिंग करना : लंबे समय तक भूखा रहने के बाद कुछ लोग एक बार में जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं। इसकी जगह आपको संतुलित और हल्का भोजन लेना चाहिए। खाने की शुरुआत फलों या वेजिटेबल सूप से करें, फिर अपनी डाइट लें।
बहुत कम खाना या भोजन छोड़ना : कुछ लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान खाना-पीना बिल्कुल ही छोड़ देते हैं। यदि आप भी ऐसा करने का प्लान कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि ये भी तरीका ठीक नहीं है। आपको खाने से पर्याप्त पोषण लेना चाहिए। इस दौरान आपकी डाइट में प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट और कार्ब्स का बैलेंस होना चाहिए।
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पर्याप्त पानी न पीना : इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान लोग पानी भी पीना कम कर देते हैं। जिससे शरीर डिहाइड्रेट होने लगता है। इसकी वजह से आपको थकान, सिरदर्द और चक्कर आने जैसी समस्या होने लगती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में भी आपको रोजाना कम से कम 3 लीटर पानी पीना चाहिए।
रात को देर से खाना : इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान खाने का समय तय करना काफी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए आप देर रात खाने की आदत न बनाएं। बल्कि शाम का खाना आपको 5-6 बजे के बीच कर लेना चाहिए।
जरूरत से ज्यादा कैफीन लेना : इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आपको लो फील होता है, जिससे निजात पाने के लिए कुछ लोग चाय-कॉफी आदि का सेवन ज्यादा करने लगते हैं। दिन में 1-2 से ज्यादा चाय-कॉफी का सेवन आपके लिए अच्छा नहीं रहेगा।
इंटरमिटेंट फास्टिंग किन लोगों को नहीं करनी चाहिए?
ये बिल्कुल सही है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग सभी के लिए नहीं बनी है। कुछ खास स्थितियों और समस्याओं में इससे बचना चाहिए ताकि वेट लॉस बाद में चलकर परेशानी न बने। डॉ. श्रेय श्रीवास्तव का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों, प्रेग्नेंट लेडीज को इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। देखें इस पॉइंट को विस्तार से।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं : गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इस दौरान आपको ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है। वहीं फास्टिंग से पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जिसका असर मां और बच्चा दोनों की सेहत पर पड़ सकता है।
डायबिटीज या ब्लड शुगर की समस्या वाले लोग : यदि आपको डायबिटीज है, तो आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। जी हां इससे आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत नीचे या बहुत ऊपर जा सकता है। जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। यदि आप इंसुलिन लेते हैं, तो आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।
छोटे बच्चे और किशोर : छोटे बच्चे या किशोरावस्था के बच्चे दोनों को शारीरिक और मानसिक विकास के लिए ज्यादा पोषण की जरूरत होती है। वहीं इंटरमिटेंट फास्टिंग इसमें रुकावट पैदा कर सकता है। इसलिए 25 साल की आयु से पहले आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए।
गंभीर रोगों से जूझ रहे लोग : कुछ हेल्थ प्रॉब्लम जैसे थायराइड, हार्मोनल असंतुलन, लिवर या किडनी की बीमारी से जूझ रहे व्यक्तियों को इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
नियमित दवाइयां लेने वाले लोग : इंटरमिटेंट फास्टिंग का अभ्यास ऐसे लोगों को नहीं करना चाहिए, जो लोग नियमित दवाएं ले रहे हैं। क्योंकि कुछ दवाओं का सेवन हमेशा खाने के बाद ही करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में फास्टिंग के दौरान दवा लेने से आपको इसके साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में हेल्दी डाइट प्लान
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का सही तरीका क्या है - ये सबसे ज्यादा जानने की बात है। इस पर डॉ. श्रेय श्रीवास्तव ने बताया कि अगर आप 16 घंटे की फास्टिंग पर हैं तो इस दौरान आपको दिन की शुरुआत 1 गिलास नींबू पानी के साथ करनी चाहिए। इसके बाद आप 8-9 बजे के बीच नाश्ते में कुछ हेल्दी चीजें, फल, स्प्राउट्स, चीला आदि ले सकते हैं। वहीं 12-1 बजे के बीच आपको दाल, रोटी, सब्जी खानी चाहिए। इसके बाद आपको शाम को कुछ हल्का भोजन जैसे सलाद आदि लेना चाहिए। हालांकि ध्यान रखें कि ये डाइट आपको शाम 5 बजे तक लेनी है। इसके बाद आप केवल थोड़ी मात्रा में पानी पी सकते हैं। इस तरह आप शाम 5 के बाद अलग सुबह 9 बजे ही कुछ खाएंगे। जिससे आपकी 16 घंटे का फास्टिंग टाइम कंप्लीट होगा।
वहीं डाइटीशियन प्रियंका अग्रवाल का कहना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग पहले कम अंतराल के फास्ट से शुरू करनी चाहिए। एकदम से बॉडी को कम कैलोरीज देंगे तो सेहत बिगड़ भी सकती है। इसलिए 10 घंटे के फास्ट से शुरू होकर धीरे-धीरे 16 घंटे पर आएं। इस बीच अगर आपको बहुत कमजोरी या चक्कर महसूस हों तो फल या सलाद लें। ग्रीन टी, नमक वाला नींबू पानी भी ले सकते हैं। और हां, किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें। साथ ही ऑनलाइन मौजूद डाइट चार्ट की जगह किसी अच्छे डाइट एक्सपर्ट से अपने बॉडी टाइप व जरूरत के हिसाब से प्लान कस्टमाइज कराएं।
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गुलशन कुमार टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़े हैं। गुलशन कुमार उत्तर प्रदेश के खुर्जा शहर से ताल्लुक रखते हैं। इन्हें हेल्थ, लाइफस्टाइल ...और देखें

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