डाइट ट्रेंड बना जानलेवा! Intermittent Fasting से 135% बढ़ सकता है दिल की बीमारी का रिस्क, रिसर्च में हुए खालासा

Intermittent Fasting Risk
Intermittent Fasting: आजकल फिटनेस और वजन घटाने के लिए लोग कई डाइट ट्रेंड अपनाते हैं। इनमें से सबसे पॉपुलर है इंटरमिटेंट फास्टिंग , जिसमें लोग रोज 16 घंटे तक उपवास रखते हैं और सिर्फ 8 घंटे में खाना खाते हैं। लेकिन हाल ही में आई एक नई रिसर्च ने इस डाइट को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिसर्च के मुताबिक, इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वालों में दिल की बीमारी से मौत का खतरा 135% तक बढ़ सकता है। यानी यह ट्रेंड जितना आकर्षक दिखता है, उतना ही खतरनाक भी साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इस स्टडी के खास नतीजे।
इंटरमिटेंट फास्टिंग और बढ़ता हार्ट रिस्क
नई स्टडी के मुताबिक, रोज़ाना सिर्फ 8 घंटे की खाने की खिड़की रखने वाले लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों से मरने का खतरा दोगुने से भी ज्यादा पाया गया। 12–14 घंटे तक खाने वालों की तुलना में इन लोगों का रिस्क 135% ज्यादा देखा गया।
19,000 से ज्यादा लोगों पर हुई रिसर्च
यह अध्ययन अमेरिका में 19,000 से ज्यादा वयस्कों पर किया गया। रिसर्चर्स ने लंबे समय तक इनके खाने की आदतों और स्वास्थ्य पर नज़र रखी। नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे क्योंकि दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ता पाया गया।
पहले से बीमार लोगों के लिए और खतरनाक
जिन लोगों को पहले से दिल की बीमारी या कैंसर जैसी समस्या थी, उनके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग और भी नुकसानदेह साबित हुआ। रिसर्च के मुताबिक, इस तरह के लोगों में हार्ट से जुड़ी मौत का खतरा 66% तक बढ़ गया।
पोषण और मांसपेशियों पर पड़ सकता है असर
विशेषज्ञ मानते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से शरीर में पोषण की कमी हो सकती है और मांसपेशियां घट सकती हैं। मांसपेशियों की कमी दिल की सेहत को प्रभावित करती है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
स्टडी की सीमाएं भी हैं
हालांकि यह रिसर्च अभी शुरुआती है और पूरी तरह पीयर-रिव्यूड नहीं हुई है। साथ ही यह भी साफ नहीं है कि लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से हर किसी पर यही असर होगा या नहीं। फिर भी विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने और फिटनेस के लिए ट्रेंडी ऑप्शन जरूर है, लेकिन इसे बिना सोचे-समझे अपनाना जानलेवा हो सकता है। नई स्टडी के मुताबिक, 8 घंटे की खाने की सीमा से दिल की बीमारी से मौत का खतरा 135% तक बढ़ सकता है। ऐसे में अगर आप यह डाइट अपनाना चाहते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना और अपनी सेहत की नियमित जांच कराना बेहद जरूरी है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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विनीत टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में फीचर डेस्क के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़े हैं। वे मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। इन्हें हेल्थ, फिटनेस और न्य...और देखें

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