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लिवर से लेकर दिल तक को बर्बाद कर देती है इंटरमिटेंट फास्टिंग, जानें कैसे होता है सेहत को नुकसान

Side Effects Of Intermittent Fasting : इंटरमिटेंट फास्टिंग आज तेजी से बढ़ रहा एक डाइट से जुड़ा एक फिटनेस ट्रेंड है। जो आपकी वेट लॉस में काफी मदद करता है। जी हां लेकिन आज हम आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग के कुछ साइड इफेक्ट्स भी बताने जा रहे हैं। जो आपकी सेहत के लिए काफी मुश्किल पैदा कर सकते हैं।
side effects of intermittent fasting

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Side Effects Of Intermittent Fasting : तेजी से वजन घटाने के लिए आजकल इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) का ट्रेंड बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस ट्रेंड में खाने के अंतराल के बीच में लंबे समय तक गैप रखना होता है। वेट लॉस के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी कारगर तरीका हो सकता है। लेकिन इसके सेहत पर कई तरह के साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं। जी हां माना जाता है कि यह तरीका वजन कम करने में कारगर है, लेकिन यदि सावधानी से फॉलो न किया जाए तो ये तरीका आपकी सेहत के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। जी हां आज हम आपको बताएंगे कि कैसे इंटरमिटेंट फास्टिंग का असर सिर्फ मेटाबॉलिज्म पर ही नहीं, बल्कि आपके लिवर, हार्ट और शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

लिवर को हो सकता है नुकसान

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान शरीर लंबे समय तक भूखा रहता है। ऐसे में लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है क्योंकि शरीर को ऊर्जा देने का काम लिवर लगातार करता है। इसके अलावा डाइजेशन, डिटॉक्सिफिकेशन, और हार्मोन को रेगुलेट करने में भी लिवर की अहम भूमिका होती है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिन लोगों को लिवर की समस्या है उन्हें इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। हालांकि कुछ हेल्थ शोध इंटरमिटेंट फास्टिंग को लिवर के लिए बेहतर मानते हैं, लेकिन इस ओर अभी और शोध की जरूरत है।

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दिल की सेहत पर असर

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान व्यक्ति को 16 घंटे तक उपवास करना होता है, जिससे कार्डियक प्रॉब्लम का खतरा बढ़ सकता है। देर तक भूखा रहने से आपके शरीर में जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस खराब होने लगता है और कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। यही कारण है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके दिल की धड़कनों को बढ़ाने और हार्ट रोगों की वजह बन सकती है।

सावधानी है जरूरी

इंटरमिटेंट फास्टिंग सेहत के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इससे परहेज करना चाहिए। इसके अलावा डायबिटीज और हार्ट रोगियों को भी इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। बड़े-बुजुर्ग और छोटे बच्चों को भी इंटरमिटेंट फास्टिंग न करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को भी इंटरमिटेंट फास्टिंग से नकारात्मक परिणाम मिलते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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गुलशन कुमार author

गुलशन कुमार टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़े हैं। गुलशन कुमार उत्तर प्रदेश के खुर्जा शहर से ताल्लुक रखते हैं। इन्हें हेल्थ, लाइफस्टाइल ...और देखें

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