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स्वदेशी तकनीक में लंबी छलांग, DRDO ने रक्षा उद्योग सहयोगियों को सौंपी 3 उन्नत प्रौद्योगिकी

उच्च शक्ति वाले रैडोम्स (Radomes) का निर्माण – बीएचईएल, जगदीशपुर को स्थानांतरित किया गया है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले रैडोम्स (जो मिसाइल सेंसर के लिए सुरक्षात्मक आवरण होते हैं) के उत्पादन को सक्षम बनाया जा सके। यह प्रमुख रक्षा कार्यक्रमों का समर्थन करेगा और मिसाइल प्रणालियों में आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा।
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उद्योग साझेदारों को उन्नत प्रौद्योगिकी सौंपते डीआरडीओ के चेयरमैन समीर वी कामत। तस्वीर-ANI

DRDO transferred three advanced materials technologies : रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरत के संकल्प को पूरा करने की दिशा में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) लगातार काम कर रहा है। अब डीआरडीए की हैदराबाद स्थित डिफेंस मेटालुरजिकल रिसर्च लेबोरेट्री (DMRL) ने अपने उद्योग सहयोगियों को तीन उन्नत मैटेरियल प्रौद्योगिकी सौंपी है। डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस आरएंडडी एवं डीआरडीओ के चेयरमैन डॉक्टर समीर वी कामत ने बीते 30 अगस्त को हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलजी के लिए लाइसेंसिंग करार उद्योग सहयोगियों को सौंपे।

उच्च शक्ति वाले रैडोम्स का निर्माण

उच्च शक्ति वाले रैडोम्स (Radomes) का निर्माण – बीएचईएल, जगदीशपुर को स्थानांतरित किया गया है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले रैडोम्स (जो मिसाइल सेंसर के लिए सुरक्षात्मक आवरण होते हैं) के उत्पादन को सक्षम बनाया जा सके। यह प्रमुख रक्षा कार्यक्रमों का समर्थन करेगा और मिसाइल प्रणालियों में आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा।

1700 स्टील शीट्स और प्लेट्स का निर्माण

डीएमआर-1700 स्टील शीट्स और प्लेट्स का निर्माण रक्षा अनुप्रयोगों के लिए – जेएसपीएल, अंगुल को हस्तांतरित किया गया है। यह स्टील कमरे के तापमान पर अति उच्च शक्ति और उच्च फ्रैक्चर टफनेस का उत्कृष्ट संयोजन प्रदान करता है।

डीएमआर 249ए एचएसएलए स्टील प्लेट्स का निर्माण

डीएमआर 249ए एचएसएलए स्टील प्लेट्स का निर्माण नौसेना अनुप्रयोगों के लिए – बीएसपी, भिलाई, सेल को हस्तांतरित किया गया है। यह एक मजबूत और विश्वसनीय सामग्री है, जो नौसैनिक जहाजों के निर्माण के लिए कड़े आयामी, भौतिक और धातुकर्म संबंधी मानकों को पूरा करती है।

कामत ने सफल प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सराहना की

अपने संबोधन में, डीआरडीओ अध्यक्ष ने अनुसंधान एवं विकास प्रक्रियाओं और सफल प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को संभव बनाने वाले प्रयासों की सराहना की। उन्होंने डीएमआरएल की इस प्रतिबद्धता की प्रशंसा की कि वह उद्योग-शोध साझेदारी को बढ़ावा दे रहा है और ऐसी तकनीकी नवाचारों को आगे बढ़ा रहा है जिनका भविष्य में बड़ा प्रभाव होगा।

स्वदेशी सामग्री प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण प्रगति

यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण रणनीतिक अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी सामग्री प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। ये प्रौद्योगिकियां विविध अनुप्रयोगों को कवर करती हैं, जो डीएमआरएल की बहु-विषयक विशेषज्ञता और महत्वपूर्ण औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता को दर्शाती हैं। स्थापित औद्योगिक कंपनियों के साथ साझेदारी से यह सुनिश्चित होगा कि इन नवाचारों को तेजी से व्यावसायिक और रणनीतिक उपयोग के लिए बढ़ाया और लागू किया जा सके।

समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया

डीआरडीओ के सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करते हुए, डीएमआरएल और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) भी हस्ताक्षरित किया गया। इसके तहत डीएमआरएल की विशेषज्ञता, सुविधाओं और क्षमताओं का उपयोग ब्यूरो की गतिविधियों के समर्थन में किया जाएगा। इस कार्यक्रम में महानिदेशक (नौसैनिक प्रणालियां एवं सामग्री) डॉ. आर.वी. हरा प्रसाद, महानिदेशक (संसाधन एवं प्रबंधन) डॉ. मनु कोरुल्ला और डीएमआरएल के निदेशक डॉ. आर. बालमुरलीकृष्णन उपस्थित रहे।

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आलोक कुमार राव author

आलोक कुमार राव न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं। यूपी के कुशीनगर से आने वाले आलोक का पत्रकारिता में करीब 19 साल का अनुभव है। समाचार पत्र, न्यूज एजेंसी, टेल...और देखें

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