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देश

ED ने अनिल अंबानी के खिलाफ 'लुकआउट नोटिस' जारी किया, बिना अनुमति के भारत छोड़ने पर रोक, सूत्रों के हवाले से खबर

Anil Ambani Lookout Notice: अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी हो गया है, ऐसा सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है, जांच अधिकारी की अनुमति के बिना, अनिल अंबानी विदेश यात्रा नहीं कर सकते।

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Anil Ambani Lookout Notice: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट नोटिस (Lookout Notice) जारी किया है, जिससे उनके बिना अनुमति के भारत छोड़ने पर रोक लग गई है, सूत्रों के अनुसार ये जानकारी सामने आ रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़े एक ऋण धोखाधड़ी मामले की जांच के चलते उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है अंबानी को जांच अधिकारी की अनुमति के बिना भारत छोड़ने पर रोक है।

Anil Ambani Lookout Notice

अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट नोटिस (फोटो: Instagram_canva)

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने रिलायंस समूह के अध्यक्ष (Reliance Group Chairman) अनिल अंबानी के खिलाफ उनके समूह की कंपनियों के खिलाफ 'ऋण धोखाधड़ी' (loan fraud) मामले में एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। सूत्रों ने खुलासा किया है कि अनिल अंबानी जांच अधिकारी की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ सकते या विदेश यात्रा नहीं कर सकते। सूत्रों ने बताया कि अगर वह विदेश यात्रा करते हैं, तो उन्हें हवाई अड्डों या शिपिंग पोर्ट पर हिरासत में लिया जाएगा।

5 अगस्त को पूछताछ के लिए समन जारी

यह मामला ईडी द्वारा 5 अगस्त को पूछताछ के लिए उन्हें समन जारी करने के बाद आया है। अंबानी को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में गवाही देने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि गवाही के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज किया जाएगा।

ईडी का यह समन पिछले हफ़्ते अंबानी के व्यावसायिक समूह से जुड़ी कई कंपनियों और अधिकारियों के ठिकानों पर की गई छापेमारी के बाद आया है। 24 जुलाई से शुरू होकर तीन दिनों तक चली इन छापेमारी में मुंबई में 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों से जुड़े 35 से ज़्यादा ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें अनिल अंबानी समूह के प्रमुख अधिकारी भी शामिल थे।

लगभग 3,000 करोड़ रुपये के ऋणों के अवैध हेराफेरी के दावों की जांच

ईडी की जांच कथित वित्तीय अनियमितताओं और समूह की विभिन्न कंपनियों द्वारा 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के सामूहिक ऋण हेराफेरी पर केंद्रित है। विशेष रूप से, एजेंसी 2017 और 2019 के बीच यस बैंक द्वारा समूह को दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के ऋणों के अवैध हेराफेरी के दावों की जांच कर रही है।

जवाब में, समूह की कंपनियों रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि वे ईडी की कार्रवाई को स्वीकार करते हैं, लेकिन इन छापों का उनके व्यावसायिक संचालन, वित्तीय स्थिति या हितधारकों के हितों पर 'बिल्कुल कोई प्रभाव' नहीं पड़ा है।

कंपनियों ने कहा था, 'मीडिया रिपोर्ट रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) या रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के लेनदेन से संबंधित आरोपों से संबंधित प्रतीत होती है, जो 10 साल से अधिक पुराने हैं।'

ऋण डायवर्जन और रिश्वतखोरी के गठजोड़ की जांच

ईडी अनिल अंबानी समूह से जुड़े ऋण डायवर्जन और रिश्वतखोरी के गठजोड़ की जांच कर रहा है ईडी अनिल अंबानी समूह से जुड़े कथित वित्तीय कदाचार के एक जटिल जाल की जांच कर रहा है, जिसमें बड़े पैमाने पर ऋण डायवर्जन और यस बैंक से जुड़े संदिग्ध रिश्वतखोरी पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। ईडी सूत्रों के अनुसार, यस बैंक के प्रवर्तकों ने कथित तौर पर ऋण स्वीकृत करने से ठीक पहले अपनी संबद्ध संस्थाओं में धन प्राप्त किया, जो एक संभावित लेन-देन की व्यवस्था का संकेत देता है।

ऋण स्वीकृति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं की जांच

एजेंसी ऋण स्वीकृति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं की जांच कर रही है, जिनमें पिछली तारीख के ऋण स्वीकृति दस्तावेज़, बिना उचित जांच-पड़ताल या ऋण विश्लेषण के प्रस्ताव, और आर्थिक रूप से कमज़ोर संस्थाओं में निवेश के आरोप शामिल हैं। कई ऋणों को कथित तौर पर मुखौटा कंपनियों के ज़रिए डायवर्ट किया गया या समान पते और निदेशकों वाली समूह संस्थाओं को भेजा गया।

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    Bhavatosh Singh author

    With over 18 years of experience in broadcast and print journalism, Bhavatosh Singh has been with Ti...और देखें

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