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चार पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन को लेकर SC में हुई सुनवाई, सरकार और NDMA को दिया नोटिस, दो हफ्तों में मांगा जवाब

हिमांचल ,उत्तराखंड में भूस्खलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हमने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में अभूतपूर्व भूस्खलन और बाढ़ देखी है। मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि बाढ़ में भारी मात्रा में लकड़ी बहकर आई। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि पेड़ों की अवैध कटाई हुई है।
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चार पर्वतीय राज्यों को नोटिस जारी(फोटो :PTI)

हिमांचल ,उत्तराखंड में भूस्खलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हमने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में अभूतपूर्व भूस्खलन और बाढ़ देखी है। मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि बाढ़ में भारी मात्रा में लकड़ी बहकर आई। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि पेड़ों की अवैध कटाई हुई है।

कोर्ट ने केन्द्र सरकार, चार पर्वतीय राज्यों NDMA को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में मांगा जवाब। कोर्ट ने NHAI से कहा कि वो भी चाहे तो जवाब दाखिल कर सकता है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा लग रहा है।

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विकास के साथ संतुलन जरूरी

चारों ओर बड़ी संख्या में लकड़ी के लट्ठे गिरे हुए देखे गए और यह पेड़ों की अवैध कटाई की तरफ ईशारा करता है।हमने पंजाब की तस्वीरें देखी हैं। पूरा खेत और फसलें जलमग्न हैं। इसलिए विकास के साथ संतुलन जरूरी है।

'हमने प्रकृति के साथ इतना छेड़छाड़ किया है कि अब प्रकृति हमें जवाब दे रही है'

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने प्रकृति के साथ इतना छेड़छाड़ किया है कि अब प्रकृति हमें जवाब दे रही है। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वो इस मुद्दे पर पर्यावरण मंत्रालय के सचिव से बात करेंगे और वो संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से बात करेंगे।

बता दें इस साल उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आए भूस्खलन ( Landslide) ने भारी तबाही मचाई है। जिसमें काफी ज्यादा जान-माल की हानि हुई है।

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    Monu Jha author

    मोनू कुमार 'Times Now नवभारत' के डिजिटल डेस्क पर Senior Copy Editor के रूप कार्यरत हैं। 'खबरों की दुनिया' में काम करते हुए मुझे करीब 4 सालों से ज्यादा...और देखें

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