एक ऐसी नदी, जिसकी कब्र पर बसाया गया गुरुग्राम, इसलिए हर बारिश में बन जाता है तालाब

Gurugram Flood: मानसून आते ही गुरुग्राम के लोगों के दिलों की धड़कन तेज हो जाती है। वजह है बारिश के हर सीजन में यहां बाढ़ आना। गुरुग्राम का शायद ही कोई इलाका होगा जो बाढ़ में डूबता न हो। बाढ़ आते ही यहां के लोगों को जन-जीवन थम सा जाता है। जिसका नजारा इस साल बारिश के बाद साफ दिखाई दिया।

हर बार पानी में डूब जाते हैं हाईटेक सिटी के वादे
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हर बार पानी में डूब जाते हैं हाईटेक सिटी के वादे

गुरुग्राम को सिंगापुर की तर्ज पर बसाने की बात कही गई थी। इस शहर में मेट्रो, हाईटेक सिटी से लेकर आईटी हब भी है। इसके बावजूद शहर का ड्रेनेज सिस्टम दोयम दर्जे का है। जिसकी मार ​गुरुग्राम वाले हर साल झेलते हैं।​

गुरुग्राम में बार-बार आती है बाढ़
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गुरुग्राम में बार-बार आती है बाढ़!

जरा सी बारिश गुरुग्राम में पानी से लबालब हो जाता है। जलभराव यहां की आम समस्या है और ज्यादा बारिश यहां बाढ़ का रूप ले लेती है।

आखिर क्यों डूब जाता है शहर
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आखिर क्यों डूब जाता है शहर?

गुरुग्राम में बाढ़ का कारण यहां की ऐसी नदी है, जो अब विलुप्त हो चुकी है और गूगल मैप पर ही सिमट गई है।

यहां बहती थी साहिबी नदी
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​यहां बहती थी साहिबी नदी​

लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज के चमकते-दमकते गुरुग्राम से कभी कोई नदी बहा करती थी। जिसका नाम साहिबी नदी है। साहिबी नदी राजस्थान के जयपुर और अलवर के बाद हरियाणा के रेवाड़ी और गुड़गांव से होकर बहती थी। जिसके बाद दिल्ली में यह नजफगढ़ नाले में मिल जाती थी।

अगर ऐसा होता तो
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अगर ऐसा होता तो...

अगर साहिबी नदी का रास्ता आज भी मौजूद होता तो शायद इस शहर में हर साल आने वाली बाढ़ से बचा जा सकता था। ऐसा विशेषज्ञ बताते हैं।

ये था साहिबी नदी का रूट
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​ये था साहिबी नदी का रूट​

साहिबी नदी राजस्थान के अरावली पहाड़ियों से निकलकर जयपुर, अलवर, रेवाड़ी, गुरुग्राम होते हुए दिल्ली के नजफगढ़ नाले से होते हुए यमुना में मिल जाती थी।

औद्योगीकरण ने सुखा दी नदी
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​औद्योगीकरण ने सुखा दी नदी​

इतिहासविदों का कहना है कि 1980 तक साहिबी नदी में पानी मौजूद था। उस साल कम बारिश के कारण इसका जलस्तर घटा और नदी सूखती गई। इसके बाद यहां औद्योगीकरण ने नदी को ही विलुप्त कर दिया। गुरुग्राम की ऊंची-ऊंची इमारतें इसी नदी की जमीन पर बनी है। इसी वजह से बारिश के सीजन में गुरुग्राम में बाढ़ आती है।

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