Aaj ka Panchang 26 March 2025: आज है चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि, नोट करें शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल की पूरी जानकारियां पंचांग से

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Aaj ka Panchang 26 March 2025 (आज का पंचांग 26 मार्च 2025): आज बुधवार का दिन है जिसकी हिंदू धर्म में विशेष मान्यता है। ये दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है, जो विघ्नहर्ता और बुद्धिदाता माने जाते हैं। इस दिन भगवान गणपति की पूजा-अर्चना करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और विवेक तथा ज्ञान में वृद्धि होती है। इस दिन भगवान गणेश के मंत्रों का जाप और उन्हें दूर्वा अर्पित करना शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुधवार का संबंध बुध ग्रह से है, जो बुद्धिमत्ता, तर्क शक्ति और व्यापार का कारक है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो तो उसे इस दिन व्रत रखना चाहिए, हरे रंग के वस्त्र पहनने चाहिए और हरी चीजों का दान करना चाहिए। बुधवार को वाणी और व्यवहार में संयम रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये दिन बुद्धि और संचार से जुड़ा है। इस दिन गाय को हरा चारा खिलाने और जरूरतमदों को शिक्षा से जुड़ी सामग्री दान करने से विशेष लाभ मिलता है। बुध दोष निवारण के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ भी प्रभावी माना जाता है। आज के शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशा शूल और तिथि से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए यहां देखें 26 मार्च का पंचांग।
आज का पंचांग 26 मार्च 2025 (Aaj ka Panchang 26 March 2025):
संवत - पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह - चैत्र,कृष्ण पक्ष,
तिथि - चैत्र माह कृष्ण पक्ष द्वादशी
पर्व - एकादशी पारण,वैष्णव एकादशी व्रत आज
दिवस - बुधवार
सूर्योदय - 06:17 ए.एम सूर्यास्त - 6:37 पी.एम
नक्षत्र - धनिष्ठा
चंद्र राशि - मकर, स्वामी ग्रह-शनि 03:15 पी.एम तक तत्पश्चात कुंभ, स्वामी-शनि
सूर्य राशि - मीन, स्वामी ग्रह-गुरु
करण - कौलव 02:49 पी.एम तक फिर तैतिल
योग - सिद्ध 12:27 पी.एम तक फिर साध्य
आज के शुभ मुहूर्त
अभिजीत - नहीं है।
विजय मुहूर्त - 02:23 पी.एम से 03:26 पी.एम तक
गोधुली मुहूर्त - 06:22 पी.एम से 07:22 पी.एम तक
ब्रम्ह मुहूर्त - 4:03 ए.एम से 05:09 ए .एम तक
अमृत काल - 06:03 ए.एम से 07:44 ए.एम तक
निशीथ काल मुहूर्त - रात 11:43 से 12:25 तक
संध्या पूजन - 06:30 पी.एम से 07:05 पी.एम तक
दिशा शूल - उत्तर दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशा शूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें। पक्षियों को दाना-पानी दें।
अशुभ मुहूर्त -
राहुकाल - दोपहर 12:00 बजे से 01:30 बजे तक
क्या करें - आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। आज वैष्णव लोग व्रत रहेंगे। गृहस्थ व शैव लोग कल जो एकादशी व्रत थे,वो आज पारण करेंगे। भगवान विष्णु को समर्पित यह महान व्रत है। आज श्रद्धा पूर्वक एकादशी का व्रत व विष्णु उपासना करें। आज नियम पूर्वक व्रत व दान-पुण्य करना बहुत फलित होता है। कृष्ण परम ब्रम्ह हैं। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। सात अन्न व फलों का दान करें। मंदिर परिसर में आम, पाकड़ व पीपल का पेड़ लगाएं। आज भगवान कृष्ण नाम का संकीर्तन करें। गीता का पाठ करें। एकादशी महान व्रत में आता है। मन, वचन व कर्म से श्री कृष्ण भक्ति मार्ग पर चलें। अपने घर के मंदिर में अखण्ड दीप जलाइए। हवन पूजन करें। भगवान के नाम जो भी आपका इष्ट हो उनका निरंतर मानसिक जप करते रहें।
क्या न करें - किसी भी प्राणी को कष्ट मत दें।
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