Nirjala Ekadashi 2025 Date: भगवान विष्णु का पावन व्रत होता है निर्जला एकादशी, जानिए इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व से जुड़ी जानकारी यहां

nirjala ekadashi 2025 date and timing
Nirjala Ekadashi 2025 Date (निर्जला एकादशी 2025 डेट): सनातन धर्म में निर्जला एकादशी का खास महत्व है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल में भीम ने एक मात्र इस व्रत को रखा था जिसके उपरांत वो मूर्छित हो गए थे। इस दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी पर वरीयान योग का संयोग है। इसके साथ ही रवि योग और भद्रावास योग का भी संयोग है। इन योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से मनुष्य को अक्षय और अमोघ फल की प्राप्ति हो सकती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चाना और व्रत करने से सुख, समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है। मान्यता के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति भी होती है।
निर्जला एकादशी 2025 डेट (Nirjala Ekadashi 2025 Date)
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। 2025 में निर्जला एकादशी 6 जून को शुक्रवार के दिन पड़ेगी।
निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi Shubh Muhurat)
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 06 जून को देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 07 जून को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि की महत्ता अधिक होती है। 06 जून को निर्जला एकादशी मनाई जाएगी।
निर्जला एकादशी का महत्व (Nirjala Ekadashi Ka Mahatva)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के पावन व्रत एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। निर्जला एकादशी व्रत की महत्ता की बात करें तो भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए मनुष्य ही नहीं देवता, दानव, नाग, यक्ष, गंधर्व, किन्नर, नवग्रह आदि भी ये व्रत करते हैं। इस व्रत को करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति जन्म-मरण के बंधनों से मुक्त होकर बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त करता है।
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