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ट्रेन से दूसरे शहर भेजनी है बाइक? जान लें पूरा प्रोसेस

ट्रेन से बाइक भेजना आसान है, लेकिन इसके लिए नियम और तय प्रक्रिया को जानना जरूरी है। रेलवे पार्सल सेवा के तहत बाइक को सुरक्षित तरीके से गंतव्य तक पहुंचाया जाता है। यहां हम इसका पूरा प्रोसेस बता रहे हैं।
bike parcel (image-indiamart)

(image-indiamart)

Indian Railways bike parcel: अगर आप अपनी बाइक को दूसरे शहर भेजना चाहते हैं तो भारतीय रेलवे इसके लिए सबसे सुरक्षित और किफायती विकल्प साबित हो सकता है। रेलवे पार्सल सेवा के जरिए बाइक को आसानी से एक शहर से दूसरे शहर भेजा जा सकता है। यानी कि आप भोपाल से दिल्ली आसानी से अपनी बाइक को भेज सकते हैं। बस जरूरी है कि आप डॉक्यूमेंट्स और पैकिंग की प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा करें। यहां हम पूरी प्रोसेस बता रहे हैं।

1. बाइक भेजने के लिए जरूरी दस्तावेज

बाइक को रेलवे पार्सल या लगेज के तौर पर भेजने के लिए आपके पास आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट), इंश्योरेंस पेपर और वैध पहचान पत्र होना जरूरी है। बिना इन दस्तावेजों के बाइक की बुकिंग नहीं होती।

बाइक को ट्रेन से भेजने के दौरान उसका वजन, मॉडल और अन्य जरूरी विवरण दर्ज किए जाते हैं। इसके बाद आपको एक रसीद दी जाती है, जिसे गंतव्य स्टेशन पर बाइक प्राप्त करने के लिए दिखाना अनिवार्य होता है। इस रसीद को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से होती है।

2. पैकिंग का नियम

रेलवे में बाइक भेजने से पहले उसकी ठीक से पैकिंग करानी होती है। आमतौर पर रेलवे स्टेशन पर पैकिंग की सुविधा उपलब्ध रहती है। बाइक के हैंडल, फुटरेस्ट और अन्य हिस्सों को सुरक्षित करने के लिए बोरी या कार्डबोर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। आप चाहें तो पार्सल ऑफिस में ही थोड़े पैसे देकर बाइक की पैकिंग करा सकते हैं। इसके लिए करीबन 500-1000 रुपये लिए जा सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो खुद ही बाइक की पैकिंग कर सकते हैं। इसके अलावा आपको बाइक का लगभग पूरा पेट्रोल टेंक खाली करना होता है।

3. पार्सल और लगेज में फर्क

अगर आप खुद उसी ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो बाइक को लगेज के तौर पर बुक कर सकते हैं। इसमें बाइक उसी ट्रेन के पार्सल वैन में जाएगी। लेकिन अगर आप साथ नहीं जा रहे हैं तो बाइक को पार्सल के रूप में बुक करना होगा, जिसे रेलवे तय समय में गंतव्य तक पहुंचा देगा।

4. शुल्क और रसीद

बाइक भेजने के लिए चार्ज दूरी और वजन पर आधारित होता है। आमतौर पर 500 से 1500 रुपये तक का खर्च आ सकता है। भुगतान के बाद आपको पार्सल रसीद या लगेज टिकट मिलता है, जिसे गंतव्य स्टेशन पर दिखाकर बाइक प्राप्त करनी होती है।

5. बाइक लेने की प्रक्रिया

गंतव्य स्टेशन पहुंचने के बाद रिसीवर को पार्सल रसीद (जो बाइक जमा करते समय दी गई थी) और पहचान पत्र दिखाना होता है। रेलवे कर्मचारी वेरिफिकेशन के बाद बाइक सौंपते हैं। अगर पैकिंग में कोई नुकसान दिखे तो तुरंत स्टेशन मास्टर से शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसके अलावा बाइक पहुंचने के बाद यदि आप कई दिनों तक बाइक रिसीव नहीं करते हैं तो इसके लिए आपको पैनाल्टी देनी पड़ती है, जो दिनों को घंटों के हिसाब से बसूली जाती है। यह चार्ज 200 से 500 रुपये प्रतिदिन तक हो सकता है।

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Vishal Mathel author

विशाल मैथिल टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर 2023 से जुड़े हुए हैं। पत्रकारिता में 6+ वर्षों के अनुभव के साथ वह टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया, ग...और देखें

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