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Jitiya Vrat 2025 FAQ: जितिया व्रत में बाल धो सकते हैं? क्या सिंदूर लगा सकते हैं? बाल में कंघी कर सकते हैं या नहीं? जानें, जितिया व्रत में में क्या कर सकते हैं और क्या नहीं

Jitiya Vrat 2025 FAQ (जितिया व्रत में क्या करें, क्या न करें): जितिया व्रत के दिन बाल धोना चाहिए कि नहीं? जितिया के दिन व्रती महिलाओं को सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं? बाल में कंघी करें या नहीं? जीवित्पुत्रिका व्रत से जुड़े ऐसे सभी सवालों के जवाब आपको यहां से मिलेंगे।
Jitiya Vrat 2025 FAQ: जितिया व्रत में बाल धो सकते हैं? क्या सिंदूर लगा सकते हैं? बाल में कंघी कर सकते हैं या नहीं? जानें, जितिया व्रत में में क्या कर सकते हैं और क्या नहीं

Jitiya Vrat 2025 FAQ (जितिया व्रत में क्या करें, क्या न करें): अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाता है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहते हैं। ये विशेष रूप से माताओं द्वारा अपने पुत्रों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। जितिया का व्रत काफी कड़े नियमों के साथ किया जाता है। इसलिए यहां से आप जान सकते हैं कि इस व्रत में व्रती महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

जितिया व्रत में बाल धोना चाहिए कि नहीं?

जितिया व्रत के दौरान बाल धोना शुभ नहीं माना जाता है, खासकर निर्जला व्रत के दिन। व्रत से पहले नहाय खाय के दिन ही स्नान करके खुद को शुद्ध करना चाहिए और उसके बाद व्रत समाप्त होने तक बालों को नहीं धोना चाहिए। यह धार्मिक मान्यता है कि इससे व्रत का उल्लंघन होता है।

जितिया के दिन सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं?

जितिया व्रत के दिन सिंदूर लगाना चाहिए, यह व्रत सौभाग्य और संतान की दीर्घायु के लिए होता है, और सिंदूर विवाहित स्त्रियों का सौभाग्य चिह्न माना जाता है।

जितिया के दिन व्रती महिलाएं बाल में कंघी कर सकती हैं?

जितिया व्रत बहुत ही कठिन और तपस्वी व्रत होता है, जिसमें शारीरिक और मानसिक संयम महत्वपूर्ण होता है। इस दिन शरीर को साज-सज्जा (जैसे बालों में कंघी, श्रृंगार आदि) से दूर रखा जाता है, ताकि ध्यान पूरी तरह पूजा, संकल्प और संयम पर केंद्रित रहे। इसलिए जितिया व्रत (जीवित्पुत्रिका व्रत) के दिन व्रती महिलाओं को बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए।

क्या जितिया व्रत में पानी पी सकते हैं?

जितिया व्रत का सबसे महत्वपूर्ण नियम सख्त निर्जला व्रत रखना है, जिसका अर्थ है व्रत की शुरुआत से लेकर उसके पूरा होने तक थोड़ी मात्रा में भोजन या एक घूंट पानी का सेवन भी व्रत का उल्लंघन माना जाता है।

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Srishti author

सृष्टि टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़ी हैं। सृष्टि बिहार के सिवान शहर से ताल्लुक रखती हैं। साहित्य, संगीत और फिल्मों में इनकी गहरी रूच...और देखें

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