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स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर प्रेग्नेंसी से जुड़े पैटर्न को समझने में करते हैं मदद: रिसर्च

अध्ययन के लिए, टीम ने 108 गर्भवती महिलाओं का चयन किया, जिन्होंने गर्भावस्था से तीन महीने पहले से लेकर प्रसव के छह महीने बाद तक के आंकड़े प्रदान करने पर सहमति जताई थी।
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रिसर्च के मुताबिक वियरेबल सेंसर हॉर्मोन्स के बदलाव को अच्छे से रीड करते हैं। (फोटो क्रेडिट-iStock)

स्मार्टवॉच या फिटनेस ट्रैकर जैसा एक साधारण सा पहना जाने वाला उपकरण प्रेग्नेंसी केयर में क्रांति लाने और किसी भी तरह की विसंगति का आसानी से पता लगाने में मदद कर सकता है। स्क्रिप्स रिसर्च के वैज्ञानिकों ने ये दावा किया है। जिनके मुताबिक जो भी उन्हें प्रारंभिक प्रमाण मिले हैं, वो बताते हैं कि ऐप्पल वॉच, गार्मिन और फिटबिट जैसे सामान्य वियरेबल डिवाइस, हार्मोनल उतार-चढ़ाव से संबंधित शारीरिक पैटर्न - जैसे हृदय गति - को ट्रैक करके गर्भावस्था से संबंधित बदलावों की निगरानी करने में सक्षम हैं।

स्क्रिप्स रिसर्च में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के निदेशक और डिजिटल मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर, जियोर्जियो क्वेर ने कहा, "वियरेबल डिवाइस (पहनने योग्य उपकरण) एक शानदार इनोवेटिव सोल्यूशन है। ये अमेरिका में गर्भावस्था के दौरान सामने आ रहे प्रतिकूल परिणामों को परखने में सहायक साबित हो रहा है।"

"हमारे परिणाम बताते हैं कि वियरेबल सेंसर से मिले सिग्नल हार्मोन के स्तर में आए अपेक्षित बदलावों को अच्छी तरह रीड करते हैं और गर्भावस्था के विशिष्ट पैटर्न का पता लगा सकते हैं, जिससे संभवतः गर्भावस्था और प्रसवोत्तर अवधि के दौरान मातृ स्वास्थ्य की निगरानी संभव हो पाती है।"

रिसर्च के लिए 108 महीलाओं का हुआ चयन

अध्ययन के लिए, टीम ने 108 गर्भवती महिलाओं का चयन किया, जिन्होंने गर्भावस्था से तीन महीने पहले से लेकर प्रसव के छह महीने बाद तक के आंकड़े प्रदान करने पर सहमति जताई थी। जनसंख्या-स्तरीय पैटर्न की पहचान करने के लिए परिष्कृत सांख्यिकीय विधियों का उपयोग करके, टीम व्यक्तिगत अंतरों और उपकरण विविधताओं का हिसाब लगा सकी।

इस डेटा से, वैज्ञानिक उन शारीरिक पैटर्न की पहचान करने में सक्षम हुए जो एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) जैसे प्रमुख गर्भावस्था हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव से जुड़े थे। इन हार्मोन्स का उतार-चढ़ाव गर्भावस्था के दौरान समस्या खड़ी कर सकता है।

शोध में कई पैटर्न को जांचा गया

हृदय गति के आंकड़े विशेष रूप से आकर्षक थे। गर्भावस्था के शुरुआती दौर में, शोधकर्ताओं ने पाया कि महिला की हृदय गति पांच से नौ सप्ताह के आसपास कम हुई, फिर प्रसव से लगभग आठ या नौ सप्ताह पहले तक लगातार बढ़ती गई, और गर्भावस्था से पहले के स्तर से 9.4 धड़कन प्रति मिनट तक पहुंच गई। जन्म के बाद, हृदय गति लगभग छह महीने बाद स्थिर होने से पहले आधारभूत स्तर से नीचे गिर गई। शोधकर्ताओं ने गर्भावस्था के दौरान नींद और सक्रियता के पैटर्न पर भी नजर रखी।

इस सहसंबंध को प्रमाणित करने के लिए, टीम ने पहनने योग्य सेंसर पैटर्न की तुलना पिछले गर्भावस्था अध्ययनों से प्रकाशित हार्मोन-स्तरीय डेटा से की और विस्तृत मॉडल तैयार किए जो गर्भावस्था के दौरान अपेक्षित हार्मोनल उतार-चढ़ाव के आधार पर हृदय गति में बदलाव की भविष्यवाणी करते थे। हालांकि ये निष्कर्ष अभी शुरुआती चरण में हैं, लेकिन ये दर्शाते हैं कि वियरेबल डिवाइस संभावित रूप से प्री-नेटल केयर को बेहतर बना सकते हैं।

(इनपुट- आईएएनएस)

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    गौरव तिवारी author

    गौरव तिवारी उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के रहने वाले हैं। गौरव टाइम्स नाउ नवभारत में सीनियर कॉपी एडीटर हैं। गौरव पिछले 9 सालों से मीडिया के क्षेत्र म...और देखें

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