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भारत पर टैरिफ लगाने पर बोले ट्रंप, यह आसान काम नहीं था, इससे दोनों देशों के रिश्ते में आया तनाव

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान कई वैश्विक संघर्षों को सुलझाने के दावे को दोहराया। उन्होंने कहा, 'मैंने सात युद्ध सुलझाए। मैंने बहुत कुछ किया, जिनमें पाकिस्तान और भारत भी शामिल हैं, लेकिन बड़े युद्ध, जिनमें से कुछ असुलझे थे – जैसे कांगो और रवांडा।
Donald Trump

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। तस्वीर-AP

Donald Trump: भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि रूस से तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ लगाना आसान काम नहीं था क्योंकि इससे दोनों देशों के रिश्ते में तनाव आना लगभग तय था। 'फॉक्स एंड फ्रेड्स' के साथ इंटरव्यू में ने अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह बात कही। इंटरव्यू में रूस से तेल खरीदे जाने पर उनसे सवाल किया गया।

इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, 'देखिए, भारत उनसे बहुत ज्यादा तेल खरीदता है। वे रूस से तेल खरीद रहे थे इसलिए मैंने उन पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया। भारत पर टैरिफ लगाना आसान काम नहीं था। यह बहुत बड़ी बात है और यह भारत के साथ रिश्ते में दरार पैदा करता है।'

युद्ध-संघर्षों को सुलझाने का दावा फिर किया

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान कई वैश्विक संघर्षों को सुलझाने के दावे को दोहराया। उन्होंने कहा, 'मैंने सात युद्ध सुलझाए। मैंने बहुत कुछ किया, जिनमें पाकिस्तान और भारत भी शामिल हैं, लेकिन बड़े युद्ध, जिनमें से कुछ असुलझे थे – जैसे कांगो और रवांडा। मैंने इसे सुलझा दिया। यह 31 साल से चल रहा था, लाखों लोग मारे गए। मैंने ऐसे युद्ध सुलझाए जो असुलझे थे।'

सर्जियो गोर ने भी दिया बयान

इस बीच, भारत ने रूसी कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए कहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों द्वारा निर्देशित होती है। इससे पहले, भारत में अगले अमेरिकी राजदूत के लिए ट्रंप के नामित उम्मीदवार सर्जियो गोर ने गुरुवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन चाहता है कि भारत, जिसकी विशाल मध्यमवर्गीय बाजार अमेरिका से भी बड़ा है, अमेरिकी कच्चा तेल और तेल उत्पाद खरीदे। उन्होंने जोड़ा कि चल रही व्यापार वार्ताएं इसी दिशा में की जा रही हैं।

लटनिक ने रूस से तेल खरीदने से मना किया

गोर ने जोर देकर कहा कि भारत की 1.4 अरब से अधिक की आबादी और तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग अमेरिका के लिए बड़े अवसर प्रदान करता है।

एक दिन पहले, अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने संकेत दिया था कि भारत के साथ एक व्यापार समझौता तभी आगे बढ़ सकता है जब नई दिल्ली रूसी तेल खरीदना बंद कर दे।

सीएनबीसी से व्यापार प्राथमिकताओं पर बात करते हुए लटनिक ने कहा, 'ठीक है, हम भारत का मसला सुलझा लेंगे,' और जोड़ा कि प्रगति इस बात पर निर्भर करती है कि भारत रूसी तेल आयात को कब खत्म करता है। लटनिक की यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच व्यापार और ऊर्जा नीतियों को लेकर चल रहे तनाव के बीच आई है।

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आलोक कुमार राव author

आलोक कुमार राव न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं। यूपी के कुशीनगर से आने वाले आलोक का पत्रकारिता में करीब 19 साल का अनुभव है। समाचार पत्र, न्यूज एजेंसी, टेल...और देखें

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