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Nepal Prisoners': हजारों क़ैदी फरार... नेपाल की जेलों से क़ैदियों के भागने का लंबा इतिहास

नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शन और असंतोष के कारण जेलों में भी हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ी हैं। इन घटनाओं के चलते जेलों से 13 हज़ार से अधिक कैदी फरार हो गए।
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नेपाल की जेल से भागे कैदियों की गिरफ्तारी लगातार जारी (फोटो:canva)

Nepal Gen Z Violence: भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के बीच नेपाल की जेल से भागे कैदियों की गिरफ्तारी लगातार जारी है। पिछले 24 घंटों में सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने 32 और भगोड़े कैदियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में एक महिला भी शामिल है। इसके साथ ही अब तक पकड़े गए फरार कैदियों की कुल संख्या 67 से ज़्यादा हो गई है। जेल से बड़े पैमाने पर हुई कैदियों की फरारी के बाद भारत-नेपाल सीमा पर पहले से ही अलर्ट जारी किया गया था।

इसी के चलते सीमा से जुड़ी सभी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और गहरी निगरानी रख रही हैं। सूत्रों के अनुसार कैदियों की तलाश व जांच का दायरा और बढ़ाया गया है ताकि किसी भी भगोड़े को भारत की सीमा में छिपने का मौका न मिले। मामले ने सुरक्षा तंत्र की चुनौतियों को सामने लाते हुए सीमा प्रबंधन और सहयोग की अहमियत को फिर से उजागर किया है।

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काठमांडू के डिलिबाजार जेल से भी कई कैदी भागे हैं । भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और कुछ फरार कैदियों को भारतीय सीमा बलों ने गिरफ्तार भी किया है।

2015 नेपाल में आए भूकंप के दौरान भी भागे थे कैदी

नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को आए भूकंप के दौरान भी कई जेलों से कैदी भाग गए थे। इस भूकंप की तीव्रता 7.8–7.9 थी और इसका केंद्र गोर्खा जिला था। भूकंप के कारण कई जेलों की दीवारें ढह गईं, जिससे कैदी भागने में सफल रहे। सिंधुपालचोक जिला जेल भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित हुआ थी और यहां से 216 कैदी जेल से भागे थे । कुल मिलाकर, भूकंप के बाद 2015 में 220 कैदी नेपाल की विभिन्न जेलों से भागे थे।

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