New GST Rates: नई जीएसटी दरें लागू होने के बाद कितनी मिलेगी राहत? जानिए क्या-क्या होगा सस्ता, क्या होगा महंगा

नई जीएसटी दरें लागू होने के बाद कितनी मिलेगी राहत? (PTI)
New GST Rates: जीएसटी परिषद (GST Council) ने बुधवार को आम सहमति से माल एवं सेवा कर (GST) में व्यापक सुधारों को मंजूरी दे दी। इस फैसले से आम जनता को बड़ी राहत मिलने जा रही है। परिषद ने जीएसटी को मौजूदा चार स्लैब 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की जगह सिर्फ दो दरें 5 और 18 प्रतिशत रखने को मंजूरी दे दी। जीएसटी परिषद का फैसला लागू होने के बाद रोटी, पराठा से लेकर हेयर ऑयल, आइसक्रीम और टीवी तक आम इस्तेमाल की चीजें सस्ती होंगी। वहीं निजी स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर से पूरी तरह से राहत मिलेगी। जीएसटी में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गई है। नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी। निजी इस्तेमाल की लगभग सभी चीजों पर दरों में कटौती की गई है। दरअसल, सरकार घरेलू खर्च को बढ़ावा देने और अमेरिकी शुल्क के आर्थिक प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही है। यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है। नई दरें लागू होने के बाद आम जनता को कितनी राहत मिलेगी, क्या-क्या सस्ता होगा और क्या महंगा होगा जानते हैं।
अब सिर्फ 5 और 12 के दो स्लैब होंगे
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिन भर चली जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि सभी फैसले सर्वसम्मति से किए गए और किसी भी राज्य से कोई असहमति नहीं थी। परिषद ने जीएसटी को मौजूदा चार स्लैब पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की जगह सिर्फ दो दरें पांच और 18 प्रतिशत रखने को मंजूरी दे दी। महंगी कारों, तंबाकू और सिगरेट जैसी कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत के विशेष स्लैब का प्रस्ताव किया गया है।
दूध-पनी, पिज्जा ब्रेड, मक्खन जैसे उत्पाद सस्ते
सीतारमण ने कहा कि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, जर्दा जैसे तंबाकू उत्पाद एवं बीड़ी को छोड़कर बाकी सभी उत्पादों के लिए नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगी। रोजाना इस्तेमाल की खाद्य वस्तुओं पर कर की दर शून्य होगी। वहीं दूध (अत्यधिक तापमान वाले), छेना, पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, सादी चपाती या रोटी पर कर की दर पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दी गई है। पराठे पर भी कर शून्य होगा जबकि अभी यह 18 प्रतिशत है। आम उपयोग के खाद्य और पेय पदार्थों मक्खन और घी से लेकर सूखे मेवे, कंडेंस्ड दूध, पनीर, अंजीर, खजूर, एवोकाडो, खट्टे फल, सॉसेज और मांस, चीनी से बनी कन्फेशनरी, जैम और फलों की जेली, नारियल पानी, नमकीन, 20 लीटर की बोतल में पैक पेयजल, फलों का गूदा या रस, दूध, आइसक्रीम, पेस्ट्री और बिस्कुट, कॉर्न फ्लेक्स और अनाज युक्त पेय पदार्थ और चीनी से बनी मिठाइयों पर कर की दर को मौजूदा के 12 प्रतिशत या 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जाएगा।
क्या-क्या होगा सस्ता?
- दूध (अत्यधिक तापमान वाले), छेना, पनीर
- पिज्जा ब्रेड, खाखरा, सादी चपाती या रोटी, पराठे
- मक्खन, घी, सूखे मेवे, कंडेंस्ड दूध, पनीर, अंजीर, खजूर
- एवोकाडो, खट्टे फल, सॉसेज और मांस,
- चीनी से बनी कन्फेशनरी, जैम और फलों की जेली,
- नारियल पानी, नमकीन, 20 लीटर की बोतल में पैक पेयजल
- फलों का गूदा या रस, दूध, आइसक्रीम, पेस्ट्री और बिस्कुट
- कॉर्न फ्लेक्स और अनाज युक्त पेय पदार्थ और चीनी से बनी मिठाइयां
इन उत्पादों पर लगेगा 5 फीसदी जीएसटी
रबड़, मानचित्र, पेंसिल, शार्पनर और अभ्यास पुस्तिकाओं पर पांच प्रतिशत की जगह शून्य शुल्क लगेगा। टूथ पाउडर, दूध की बोतलें, रसोई के बर्तन, छाते, बर्तन, साइकिल, बांस के फर्नीचर और कंघी जैसी उपभोक्ता वस्तुओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत कर दी गई है। शैम्पू, टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट, टूथब्रश, फेस पाउडर, साबुन और हेयर ऑयल पर कर की दरें 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई हैं।
क्या-क्या सस्ता?
- रबड़, मानचित्र, पेंसिल, शार्पनर और अभ्यास पुस्तिकाएं
- टूथ पाउडर, दूध की बोतलें, रसोई के बर्तन, छाते, बर्तन
- साइकिल, बांस के फर्नीचर और कंघी
- शैम्पू, टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट, टूथब्रश, फेस पाउडर
- साबुन और हेयर ऑयल
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर जीएसटी हटा
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर जीएसटी को हटाने का फैसला किया है। इससे लोगों के लिये बीमा पॉलिसी लेना सस्ता हो जाएगा। जीएसटी परिषद ने सीमेंट पर कर की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है।
हल्के वाहनों पर भी जीएसटी कम हुआ
इसके साथ 1,200 सीसी इंजन से कम और 4,000 मिमी से कम लंबाई वाले पेट्रोल, एलपीजी एवं सीएनजी वाहनों और 1,500 सीसी एवं 4,000 मिमी तक लंबाई वाले डीजल वाहनों पर कर की दर मौजूदा 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो जाएगी। सीतारमण ने कहा कि 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें और एयर कंडीशनर, डिशवॉशर एवं टीवी जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर भी कर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
डेयरी उत्पादों, कृषि उपकरणों, उर्वरकों पर टैक्स घटा
जीएसटी परिषद ने कई डेयरी उत्पादों, उर्वरकों, जैव कीटनाशकों और कृषि उपकरणों पर कर की दरें कम करने का फैसला किया। विभिन्न कृषि उपकरणों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इनमें 15 हॉर्स पावर तक की क्षमता के निश्चित गति वाले डीजल इंजन, हैंड पंप, ड्रिप सिंचाई उपकरण और स्प्रिंकलर के लिए नोजल, मिट्टी तैयार करने के लिए कृषि और बागवानी मशीनरी, कटाई और थ्रेसिंग मशीनरी, कंपोस्टिंग मशीन और ट्रैक्टर (1800 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले सेमी-ट्रेलर के लिए ट्रैक्टर को छोड़कर) शामिल हैं।
घटी हुई दरें सेल्फ-लोडिंग कृषि ट्रेलरों और ठेलागाड़ियों सहित हाथ से चलने वाले वाहनों पर भी लागू होंगी। सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया सहित प्रमुख उर्वरक कच्चे माल पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। परिषद ने नीम-आधारित कीटनाशक सहित विभिन्न जैव कीटनाशकों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के अंतर्गत आने वाले सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। परिषद ने ट्रैक्टर के पिछले टायर और ट्यूब, ट्रैक्टरों के लिए 250 सीसी से अधिक सिलेंडर क्षमता वाले कृषि डीजल इंजन, ट्रैक्टर के लिए हाइड्रोलिक पंप और विभिन्न ट्रैक्टर कलपुर्जों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। इन फैसलों से किसानों की लागत कम होने और आवश्यक डेयरी उत्पाद उपभोक्ताओं के लिए किफायती होने की उम्मीद है।
कृषि उपकरण होंगे सस्ते
- 15 हॉर्स पावर तक की क्षमता के निश्चित गति वाले डीजल इंजन
- हैंड पंप, ड्रिप सिंचाई उपकरण और स्प्रिंकलर के लिए नोजल
- मिट्टी तैयार करने के लिए कृषि और बागवानी मशीनरी
- कटाई और थ्रेसिंग मशीनरी, कंपोस्टिंग मशीन और ट्रैक्टर (1800 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले सेमी-ट्रेलर के लिए ट्रैक्टर को छोड़कर)
- सेल्फ-लोडिंग कृषि ट्रेलर और ठेलागाड़ियों सहित हाथ से चलने वाले वाहन
- सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया सहित प्रमुख उर्वरक कच्चे माल
- नीम-आधारित कीटनाशक सहित विभिन्न जैव कीटनाशक
- ट्रैक्टर के पिछले टायर और ट्यूब, ट्रैक्टरों के लिए 250 सीसी से अधिक सिलेंडर क्षमता वाले कृषि डीजल इंजन
- ट्रैक्टर के लिए हाइड्रोलिक पंप और विभिन्न ट्रैक्टर कलपुर्जे
इस तरह के वाहन होंगे महंगे
1,200 सीसी से ज्यादा और 4,000 मिमी से ज्यादा लंबी सभी गाड़ियों, 350 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली मोटरसाइकिल और निजी उपयोग वाले विमानों एवं रेसिंग कारों पर 40 प्रतिशत कर लगेगा। अतिरिक्त चीनी वाले शीतल पेय पदार्थों पर 40 प्रतिशत कर लगेगा। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों पर पहले की तरह पांच प्रतिशत कर लगता रहेगा।
तंबाकू, गुटखा, सिगरेट पर 28 फीसदी जीएसटी जारी रहेगा
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जीएसटी सुधारों से इसके कार्यान्वयन के दूसरे वर्ष तक अर्थव्यवस्था में 0.5 प्रतिशत तक की अतिरिक्त वृद्धि होने की संभावना है। इससे अमेरिकी शुल्क का पूरा प्रभाव बेअसर हो जाएगा। सीतारमण ने कहा कि राज्यों को राजस्व हानि की भरपाई को लिए गए ऋणों का पूरा भुगतान होने तक तंबाकू, गुटखा, तंबाकू उत्पादों और सिगरेट पर वर्तमान 28 प्रतिशत कर और क्षतिपूर्ति उपकर लागू रहेगा। रेस क्लब, पट्टा या किराये की सेवाओं और कसीनो/ जुआ/ घुड़दौड़/ लॉटरी/ ऑनलाइन मनी गेमिंग पर भी 40 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। माल ढुलाई के तृतीय-पक्ष बीमा की सेवा की आपूर्ति पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ अब 12 प्रतिशत के बजाय पांच प्रतिशत कर लगेगा।
क्या-क्या महंगा होगा?
- तंबाकू, गुटखा, तंबाकू उत्पादों और सिगरेट
- रेस क्लब, पट्टा या किराये की सेवाएं
- कसीनो/ जुआ/ घुड़दौड़/ लॉटरी/ ऑनलाइन मनी गेमिंग
- कोल्ड ड्रिंक, फलों के रस वाले कार्बोनेटेड पेय उत्पाद महंगे
- कैफीन-युक्त पेय पदार्थ, गैर-अल्कोहल पेय पदार्थ
- अतिरिक्त चीनी या अन्य मीठा पदार्थ या स्वाद वाले उत्पाद
कोल्ड ड्रिंक, फलों के रस वाले कार्बोनेटेड पेय उत्पाद महंगे
कोका-कोला एवं पेप्सी जैसे लोकप्रिय शीतल पेय और अन्य गैर-अल्कोहल पेय पदार्थ भी अब महंगे हो जाएंगे। जीएसटी परिषद ने बुधवार को कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर कर की दर को वर्तमान 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी। जीएसटी परिषद ने फलों से बने पेय या फलों के रस वाले कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर भी कर की दर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी। इसके साथ ही परिषद ने कैफीन-युक्त पेय पदार्थों पर भी जीएसटी की दर बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी। अन्य गैर-अल्कोहल पेय पदार्थ भी महंगे हो जाएंगे क्योंकि इन वस्तुओं पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है।
मीठे स्वाद वाले उत्पाद भी महंगे हुए
जीएसटी परिषद ने अतिरिक्त चीनी या अन्य मीठा पदार्थ या स्वाद वाले सभी उत्पादों पर भी कर की दर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी है। हालांकि फलों के गूदे या फलों के रस आधारित पेय (फलों के कार्बोनेटेड पेय या फलों के रस वाले कार्बोनेटेड पेय को छोड़कर) पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है।
अमेरिका के टैरिफ के जवाब में उठाया कदम
राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि जीएसटी दरों में बदलाव से पड़ने वाला वित्तीय प्रभाव करीब 48,000 करोड़ रुपये का होगा लेकिन राजकोषीय नजरिये से इसका कोई खास असर नहीं होगा। जीएसटी परिषद के इस फैसले से कुल प्रीमियम में कमी आएगी क्योंकि कर अब काफी कम हो गया है। कर व्यवस्था को सरल बनाने का यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका को भारत के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया जा रहा है। यह किसी देश पर लगाया गया सबसे ज्यादा शुल्क है। भारतीय अर्थव्यवस्था उपभोग पर बहुत अधिक निर्भर है। पिछले वित्त वर्ष में निजी उपभोग का बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद में 61.4 प्रतिशत का योगदान रहा।
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