बिजनेस

Gold : लगातार क्यों बढ़ती रहती है सोने की 'चमक'?

Gold Price: सोना सदियों से धन और सुरक्षा का प्रतीक रहा है, जो आभूषण और निवेश दोनों के लिए लोकप्रिय है। हाल के वर्षों में सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई है, और इसका भाव 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है। इस वर्ष कीमतों में 44.14% की वृद्धि देखी गई है। हम यहं सोने की बढ़ती कीमतों के कारणों के बारे में जानेंगे।
Gold price, Gold Value, precious metal Value

सोने की कीमतों में लगातार इजाफा क्यों? (तस्वीर-istock)

Gold Price : सदियों से लोगों के लिए सोना धन और सुरक्षा का प्रतीक रहा है। यह न केवल आभूषण बनाने में उपयोग होता है, बल्कि निवेश के तौर पर भी इसकी अत्यधिक डिमांड रहती है। हाल के वर्षों में सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है। कई बार इसमें जबरदस्त उछाल देखने को मिली। एक बार फिर सोने की कीमत नई ऊंचाई पर पहुंच गईं। भारत की राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत 113800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। चालू वर्ष में सोने की कीमतों में 34,850 रुपये प्रति 10 ग्राम या 44.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सोने का भाव 31 दिसंबर, 2024 को 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम थाइस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि सोने की कीमतें लगातार क्यों बढ़ती रहती हैं और इसके पीछे के कारण क्या-क्या हैं।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने बताया कि मजबूत वैश्विक मांग और अगले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों के चलते सोना और चांदी के दामों में तेजी आई है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर कॉमोडिटी एक्सपर्ट सौमिल गांधी ने कहा कि कीमती धातुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण अमेरिकी आर्थिक आंकड़े हैं, जिन्होंने 2025 के अंत से पहले फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं को मजबूत किया है, जिससे सोने की खरीदारी को बढ़ावा मिला है। अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा कि निवेशक फेडरल रिजर्व के फैसलों, आगामी श्रम बाजार के आंकड़ों और अमेरिका में राजनीतिक घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखेंगे, क्योंकि ये सभी ब्याज दरों के रुख को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्थिर महंगाई दर, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों के चलते सोना लगातार चर्चा में बना हुआ है। नीचे जानिए किन कारणों से सोने की कीमतें बढ़ती रही हैं।

मांग और आपूर्ति का संतुलन

सोने की कीमतें मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर आधारित होती हैं। जब वैश्विक स्तर पर सोने की मांग बढ़ती है, जैसे कि निवेशकों का सोने की ओर रुझान बढ़ना, आभूषणों की मांग, या तकनीकी उपयोग बढ़ना, तो कीमतें बढ़ जाती हैं। सोना एक प्राकृतिक संसाधन है, जिसकी मात्रा सीमित होती है। सोने की खुदाई महंगी और जटिल प्रक्रिया है, जिससे उसकी आपूर्ति सीमित रहती है। इसलिए मांग में वृद्धि होने पर कीमतें तेजी से बढ़ती हैं।

वैश्विक राजनीतिक, आर्थिक अस्थिरता

लोग युद्ध और राजनीतिक अस्थिरता के दौरान निवेशक जोखिम से बचने के लिए सोने को प्राथमिकता देते हैं। राजनीतिक तनाव, युद्ध, और अंतरराष्ट्रीय विवाद सोने की कीमतों को बढ़ावा देते हैं। ऐसे समय में शेयर बाजार में गिरावट आती है और सोने की मांग बढ़ती है। इस प्रकार, राजनीतिक घटनाक्रम सोने की कीमतों पर बड़ा प्रभाव डालते हैं। जब आर्थिक स्थिति अस्थिर होती है, जैसे कि मंदी, युद्ध, राजनीतिक संकट, या वैश्विक आर्थिक संकट, तो निवेशक जोखिम से बचने के लिए सोने में निवेश करना पसंद करते हैं। सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है क्योंकि यह महंगाई से बचाव करता है। जब शेयर बाजार या अन्य निवेश विकल्पों में अनिश्चितता होती है, तो निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं, जिससे उसकी कीमत बढ़ती है।

वैश्विक आर्थिक नीतियां

अंतरराष्ट्रीय व्यापार, टैक्स नीतियां, और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट नियम सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं। कुछ देशों में सोने पर अधिक टैक्स या कस्टम ड्यूटी लगने से उसकी कीमत बढ़ सकती है। वैश्विक स्तर पर सोने की खरीद-बिक्री पर लगने वाले नियम भी इसका प्रभाव डालते हैं।

टैक्नोलॉजी और औद्योगिक डिमांड

हालांकि सोना मुख्य रूप से आभूषण और निवेश के लिए होता है, टैक्नोलॉजी सेक्टर में भी इसका उपयोग बढ़ रहा है। जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल उपकरण, और अंतरिक्ष तकनीक में सोने की मांग बढ़ती जा रही है। यह मांग भी सोने की कीमतों पर दबाव डालती है।

डॉलर की कमजोरी

वैश्विक स्तर पर सोना अक्सर अमेरिकी डॉलर में आंका जाता है। इसलिए, जब डॉलर कमजोर होता है, तो सोने की कीमतें बढ़ती हैं। डॉलर कमजोर होने पर अन्य मुद्राओं में सोना सस्ता हो जाता है, जिससे मांग बढ़ती है। इसके उलट डॉलर मजबूत होने पर सोने की कीमतें गिर सकती हैं। इसलिए डॉलर की स्थिति भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती है।

मौसमी और प्राकृतिक कारण

सोने की कीमतों पर मौसमी प्रभाव भी पड़ता है, खासकर भारत जैसे देशों में जहां शादी का सीजन सोने की मांग बढ़ाता है। त्योहारी सीजन में आभूषणों की मांग बढ़ती है, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं के कारण खनन प्रभावित होता है, जिससे आपूर्ति कम हो सकती है।

सोने की कीमतों का लगातार बढ़ना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें अनेक आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और प्राकृतिक कारण शामिल हैं। सीमित आपूर्ति, बढ़ती मांग, आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई, डॉलर की स्थिति, राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की नीतियां, और भविष्य की उम्मीदें सभी मिलकर सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं। इसलिए सोना निवेश के लिए एक सुरक्षित और स्थिर विकल्प माना जाता है, जिसकी कीमतें समय के साथ बढ़ती ही जाती हैं।

(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है, निवेश की सलाह नहीं है, अगर आपको निवेश करना है तो एक्सपर्ट से संपर्क करें।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में बिजनेस डेस्क के इंचार्ज हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वो बिहार के खगड़िया जिले के र...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited