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'LAC पर दिखा है शांति-सद्भाव, पहले से बेहतर हुए भारत-चीन संबंध', चीनी विदेश मंत्री से मिलने के बाद बोले NSA डोभाल

यी से मुलाकात के बाद एनएसए ने कहा कि 'भारत और चीन के रिश्ते पहले से ज्यादा बेहतर हुए हैं और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति एवं सद्भाव देखने को मिला है।' डोभाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी SCO मीटिंग के लिए चीन के दौरे पर जाएंगे और इस परिप्रेक्ष्य में आज की वार्ता बहुत महत्व रखती है।
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दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में चीनी विदेश मंत्री के साथ एनएसए अजीत डोभाल। तस्वीर-PTI

Ajit Doval meets Wang Yi: भारत की यात्रा पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी की मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मुलाकात हुई। यी से मुलाकात के बाद एनएसए ने कहा कि 'भारत और चीन के रिश्ते पहले से ज्यादा बेहतर हुए हैं और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति एवं सद्भाव देखने को मिला है।' डोभाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी SCO मीटिंग के लिए चीन के दौरे पर जाएंगे और इस परिप्रेक्ष्य में आज की वार्ता बहुत महत्व रखती है।

NSA ने सीमा पर शांति के महत्व को भी रेखांकित किया

सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के नये संस्करण में टेलीविजन पर दिये अपने संबोधन में डोभाल ने भारत-चीन संबंधों में ‘नई ऊर्जा और गति’ के साथ-साथ सीमा पर शांति के महत्व को भी रेखांकित किया। डोभाल ने कहा कि सीमा पर शांति और सौहार्द बना हुआ है। उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध अब और प्रगाढ़ हुए हैं।’ एनएसए ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन का दौरा करेंगे और इसलिए आज की वार्ता का विशेष महत्व है।’

चीनी शहर तियानजिन यात्रा की पहली आधिकारिक पुष्टि

यह 31 अगस्त और एक सितंबर को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी की चीनी शहर तियानजिन यात्रा की पहली आधिकारिक पुष्टि है।

डोभाल ने आशा जताई कि 24वीं विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता ‘सफल’रहेगी। चीन के विदेश मंत्री मुख्य रूप से डोभाल के साथ विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता करने के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचे। वांग की यात्रा को दोनों पड़ोसी देशों द्वारा अपने संबंधों को फिर से बहाल करने के जारी प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जिनमें 2020 में गलवान घाटी झड़प के बाद गंभीर तनाव आ गए थे।

50,000 से 60,000 सैनिक तैनात

विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता में, दोनों पक्षों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर समग्र स्थिति की समीक्षा के अलावा नये विश्वास-बहाली उपायों पर विचार-विमर्श किए जाने की उम्मीद है। हालांकि, दोनों पक्षों ने टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन सीमा से अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को वापस बुलाकर स्थिति को सामान्य किया जाना अभी बाकी है। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में एलएसी पर वर्तमान में दोनों देशों के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।

सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था

एनएसए डोभाल ने पिछले साल दिसंबर में चीन की यात्रा की थी और वांग के साथ विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की थी। इससे कुछ हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रूसी शहर कजान में एक बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच विभिन्न संवाद तंत्रों को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया था। पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था और उसी वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई झड़प के परिणामस्वरूप द्विपक्षीय संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था।

संबंधों को बहाल करने के लिए कई पहल

गत वर्ष 21 अक्टूबर को हुए एक समझौते के तहत डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह गतिरोध प्रभावी रूप से समाप्त हो गया। पिछले कुछ महीनों में, दोनों पक्षों ने संबंधों को बहाल करने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना और भारत द्वारा चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा जारी करना शामिल है।

(इनपुट-भाषा)

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आलोक कुमार राव author

आलोक कुमार राव न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं। यूपी के कुशीनगर से आने वाले आलोक का पत्रकारिता में करीब 19 साल का अनुभव है। समाचार पत्र, न्यूज एजेंसी, टेल...और देखें

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