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चुनाव आयोग का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, देश भर में SIR की तैयारी शुरू, 1 जनवरी 2026 होगी क्वालीफाइंग डेट

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कराएगा, जिसके लिए 1 जून 2026 क्वालीफाइंग तारीख तय की गई है। आयोग ने बिहार को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों को तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, देश भर में SIR की तैयारी शुरू, 1 जनवरी 2026 होगी क्वालीफाइंग डेट

लोकतंत्र की सबसे अहम नींव मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने देश भर में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) कराने का फैसला लिया है। इसके लिए 1 जनवरी 2026 की क्वालीफाइंग डेट तय की गई है। यानी इस तारीख तक जिन नागरिकों की उम्र 18 साल पूरी हो जाएगी, वे वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करा सकेंगे।

यह जानकारी चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दी है। कोर्ट में यह जवाब अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर उस याचिका पर दिया गया, जिसमें मांग की गई थी कि आयोग को देशभर में नियमित अंतराल पर SIR कराने का निर्देश दिया जाए।

SIR चुनाव आयोग का संवैधानिक अधिकार

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मतदाता सूची का सारांश (SSR) या गहन पुनरीक्षण (SIR) करना पूरी तरह उसका अधिकार है। यह फैसला केवल आयोग ही ले सकता है, किसी अन्य संस्था को इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है।

आयोग ने कहा कि उसका दायित्व केवल मतदाता सूची बनाना नहीं है, बल्कि उसे शुद्ध और पारदर्शी रखना भी है। अगर सूची में त्रुटियां होंगी, तो चुनाव की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा। इसी कारण आयोग समय-समय पर वोटर लिस्ट का रिवीजन करता है।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश

चुनाव आयोग ने 5 जुलाई 2025 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (बिहार को छोड़कर) के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि वे विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए जरूरी तैयारी शुरू करें।

बिहार को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है क्योंकि वहां पहले से ही SIR की प्रक्रिया चल रही है। बाकी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोग चाहता है कि अधिकारी तुरंत प्री-रिविजन गतिविधियां शुरू कर दें। इस प्रक्रिया में पुराने और डुप्लीकेट नाम हटाना, मृत व्यक्तियों के नाम निकालना, नए योग्य नागरिकों को जोड़ना और स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं के रिकॉर्ड को अपडेट करना शामिल है।

राष्ट्रीय स्तर पर पारदर्शी और शुद्ध मतदाता सूची का लक्ष्य

आयोग ने कहा कि उसका मकसद मतदाता सूची की पूर्ण शुद्धता और पारदर्शिता तय करना है। कई बार शिकायतें मिलती हैं कि एक ही व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज है या कई योग्य नागरिकों का नाम सूची में नहीं है। कहीं-कहीं मृत लोगों के नाम भी हटाए नहीं गए हैं।

इन खामियों को दूर करने के लिए ही SIR किया जाएगा। आयोग का मानना है कि एक साफ और पारदर्शी सूची से लोकतंत्र की विश्वसनीयता और जनता का भरोसा दोनों मजबूत होंगे। इसी उद्देश्य से इस बार पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा की गई है।

देश भर में SIR का शेड्यूल जल्द होगा जारी

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण का पूरा शेड्यूल जल्द जारी किया जाएगा। इसमें यह साफ होगा कि नाम जोड़ने, सुधार करने या आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया किस तारीख से शुरू होगी और कब तक चलेगी।

आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे इस प्रक्रिया को प्राथमिकता दें। क्योंकि 2026 और उसके बाद होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में यही सूची आधार बनेगी।

मतदाता सूची की शुद्धता लोकतंत्र के लिए उतनी ही जरूरी है जितनी ईमानदारी से चुनाव कराना। आयोग के इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी योग्य नागरिक वोट डालने के अधिकार से वंचित न रह जाए।

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Gaurav Srivastav author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

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