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कांवड़ मार्ग पर ढाबों के लिए QR Code वाले निर्देश के खिलाफ याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस

शीर्ष अदालत ने पिछले साल भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश द्वारा जारी इसी तरह के निर्देशों पर रोक लगा दी थी, जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों, कर्मचारियों के नाम और अन्य विवरण प्रदर्शित करने के लिए कहा गया था।
Kanwar yatra

कांवड़ मार्ग पर ढाबों के लिए क्यूआर कोड वाले निर्देश (Photo: PTI)

QR Code Directive For Eateries: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों और ढाबों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करने के राज्य के निर्देश को चुनौती दी गई है। क्यूआर कोड से मालिकों के नाम और पहचान का पता चलता है। न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और शिक्षाविद अपूर्वानंद झा व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई 22 जुलाई के लिए स्थगित कर दी।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक

शीर्ष अदालत ने पिछले साल भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश द्वारा जारी इसी तरह के निर्देशों पर रोक लगा दी थी, जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों, कर्मचारियों के नाम और अन्य विवरण प्रदर्शित करने के लिए कहा गया था। उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा 25 जून को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए झा ने कहा, नए उपायों में कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य है जिससे मालिकों के नाम और पहचान का पता चलता हो। इस तरह उसी भेदभावपूर्ण तरीके से पहचान की बात हो रही है जिस पर पहले इस अदालत ने रोक लगा दी थी।

कानूनी लाइसेंस और पहचान बताने का निर्देश

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार का निर्देश, जिसमें दुकान मालिकों को कानूनी लाइसेंस आवश्यकताओं के तहत धार्मिक और जातिगत पहचान बताने के लिए कहा गया है, दुकान, ढाबा और रेस्टोरेंट मालिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण महीने में शिवलिंगों का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में कांवड़िए गंगा और अन्य नदियों से जल लेकर आते हैं। कई श्रद्धालु इस महीने में मांसाहार से परहेज करते हैं। कई लोग तो प्याज और लहसुन युक्त भोजन भी नहीं खाते।

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अमित कुमार मंडल author

पत्रकारिता के सफर की शुरुआत 2005 में नोएडा स्थित अमर उजाला अखबार से हुई जहां मैं खबरों की दुनिया से रूबरू हुआ। यहां मिले अनुभव और जानकारियों ने खबरों ...और देखें

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