एक्सप्लेनर्स

नेतन्याहू सरकार और मोसाद के बीच क्यों ठनी? खुफिया एजेंसी ने नहीं मानी बात; हमास को लेकर क्या है विवाद

Israel Hamas Conflict: इजरायल ने हमास के शीर्ष नेताओं को कतर में ठिकाने लगाने के लिए एक हवाई हमला किया, लेकिन इस हमले में हमास का कोई भी बड़ा नेता मारा नहीं गया। हालांकि, इजरायल जमीनी अभियान चलाना चाहता था, लेकिन मोसाद की असहमति के बाद नेतन्याहू ने हवाई हमला किया और उसे कतर की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा।
Netanyahu Mossad Controversy

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (फोटो साभार: AP)

Israel Hamas Conflict: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चौतरफा चर्चाएं हो रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस वादे के साथ सत्ता में आए थे उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं और उनकी बौखलाहट बढ़ती जा रही है। ट्रंप ने अपने सारे हथकंडे अपना लिए लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध को रोक नहीं पाए, पर इसी युद्ध को रोकने की क्यों बात हो रही है? एक और देश है, जो पीठ पर खंजर के प्रहार से दुखी रहा, पर अब वह दुश्मन के साथ-साथ उनका साथ देने वालों पर भी कहर बनकर टूट रहा है और यहां पर युद्धविराम चर्चाएं बार-बार विफल होती जा रही हैं। व्हाइट हाउस भी कुछ नहीं कर पा रहा है। इतना ही नहीं इजरायल के भीतर ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं और खुफिया एजेंसी भी सरकार के फैसलों से नाखुश दिखाई दे रही है तो चलिए आज विस्तार से इजरायल और उसकी खुफिया एजेंसी के बीच पनप रहे विवाद को समझते हैं।

इजरायल ने 9 सितंबर, 2025 को कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाकर मिसाइल हमला किया, पर वह अपने लक्ष्य को हासिल कर पाने में विफल रहा जिसके बाद राजनीतिक हलकों और खुफिया एजेंसी मोसाद के बीच विवाद पनपने लगा। मोसाद, जिसका नाम सुनकर दुश्मनों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है, उसने जमीनी अभियानों को अंजाम देने से मना कर दिया, जबकि उसकी योजना मोसाद ने ही पहले खुद तैयार की थी।

क्यों नेतन्याहू सरकार से सहमत नहीं मोसाद?

आप सब लोगों के ज़हन में यह सवाल बार-बार उठ रहा होगा कि आखिर मोसाद अपनी सरकार के फैसलों से नाखुश क्यों है। दरअसल, मोसाद का मानना था कि इस कार्रवाई से बंधक-युद्धविराम वार्ता विफल हो सकती है और इससे कतर के साथ इजरायल के संबंध खराब हो सकते हैं। भले ही मोसाद यह सब सोचता रह गया और आपत्तियां दर्ज कराता रहा, लेकिन प्रधानमंत्री नेतन्याहू को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने कतर पर हवाई हमला कराया।

अंतरराष्ट्रीय न्यूज वेबसाइट वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मोसाद के निदेशक डेविड बरनेआ (David Barnea) ने इस अभियान पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि इससे कतर के साथ संबंध बिगड़ सकते थे। कतर पिछले वर्षों से हमास और इजरायल के बीच मध्यस्थता करता रहा है और फिलहाल युद्धविराम की कोशिशों में अहम भूमिका निभा रहा है।

पिछले साल, मोसाद ने तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनियेह के बेडरूम में बम लगाकर मार गिराया था, पर कतर के साथ देश के संबंधों को दांव पर नहीं लगाया चाहता था। इसके अलावा मोसाद का मानना था कि जब वह अगले एक, दो या चार सालों में हमास नेताओं को मार सकता है तो अभी इतनी छटपटाहट क्यों? जानकार मानते हैं कि नेतन्याहू गाजा में जमीनी आक्रमण के पक्षधर हैं और संघर्षविराम वार्ता को लेकर अपना धैर्य खो बैठे हैं।

इजरायल ने हमले के लिए क्यों चुना यह समय?

नेतन्याहू समेत अन्य इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हवाई हमले के लिए यही समय इसलिए चुना गया, क्योंकि उस दिन हमास के प्रमुख नेता एक ही जगह पर मौजूद थे और कतर को लेकर उनका मानना था कि समय के साथ उनके रिश्ते कतर संग ठीक हो जाएंगे, जैसा पहले भी देखा गया है।

हालांकि, नेतन्याहू ने सार्वजनिक रूप से हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि इजरायल ने इसे शुरू किया, अंजाम दिया और अब पूरी जिम्मेदारी लेता है। उन्होंने कहा कि यह फैसला सोमवार को यरुशलम में हुए गोलीबारी के बाद लिया गया जिसमें छह लोग मारे गए थे और गाजा में इजरायली सेना पर हुए हमले में चार सैनिक मारे गए थे।

नहीं मरा कोई शीर्ष नेता

इजरायल ने भले की मंगलवार को हमास नेताओं को निशाना बनाते हुए कतर में हमला किया हो, लेकिन बुधवार को तस्वीर उस वक्त साफ हुई जब हमास ने बताया कि इजरायली हमले में हमारा कोई बड़ा नेता नहीं मारा गया। हमास ने कहा कि इजरायली हमले में उसके सभी शीर्ष नेताओं की जान बच गई, लेकिन निचले दर्जे के 5 सदस्यों की मौत हो हुई। इजरायली हमले में कतर को भी नुकसान हुआ। कतर के गृह मंत्रालय ने बताया कि कतर के आंतरिक सुरक्षा बल के एक सदस्य की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए।

हमले के बाद कतर ने इजरायल की कार्रवाई को 'आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन' बताया। इस इजरायली हमले से न सिर्फ मोसाद नाराज है, बल्कि उनका हितैषी देश 'अमेरिका' भी नाराज है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने बताया था कि ट्रंप मानना है कि इजरायली हमला एक "दुर्भाग्यपूर्ण घटना" है जिससे क्षेत्र में शांति को बढ़ावा नहीं मिलेगा।

युद्धविराम वार्ता पर गहराया संकट

7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हुए सिलसिलेवार हमले से शुरू हुए युद्ध के बाद से हमास कई बड़े झटके झेल चुका है और अब वहां पर तबाही के निशान ही दिखाई पड़ते हैं। इसके बावजूद यह संगठन (हमास) गाजा में अब भी मौजूद है। लंबे समय से रुकी हुई युद्धविराम वार्ता का भविष्य और भी अनिश्चित हो गया है, क्योंकि इजरायल, गाजा शहर पर कब्जा करने के उद्देश्य से एक बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा हुई है और इजरायल के भीतर उन लोगों ने इसका विरोध किया है, जिन्हें डर है कि इससे शेष बंधकों की जान को खतरा है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। एक्सप्लेनर्स (Explainer News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर कीबोर्ड पीट रहा हूं। परत-दर-परत खबरों को खंगालना और छानना आदतों में शुमार है। पत्रकारिता एवं जनसंच...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited