What is Aftershock : क्या होता है आफ्टरशॉक? भूकंप आने से पहले बचाव की ऐसे करें तैयारी, इन बातों का रखें ध्यान

भूकंप आने पर खुद को सुरक्षित रखने के उपाय।
What is Aftershock : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में सोमवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग नींद से जग गए और अपने घरों एवं इमारतों से बाहर निकल आए। भूकंप से फिलहाल किसी प्रकार की क्षति होने या किसी के हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है। भूकंप का केंद्र धौला कुआं के झील पार्क क्षेत्र में पांच किलोमीटर की गहराई पर था। कुछ लोगों ने कहा कि भूकंप के बाद उन्हें तेज आवाजें सुनाई दीं। भूकंप के झटकों की अवधि कुछ सेकेंड की रही लेकिन ये इनकी तीव्रता ज्यादा महसूस हुई। बिहार के सिवान और उसके आसपास के जिलों में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए।
सुबह पांच बजकर 36 मिनट पर आए झटके
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में लोगों से शांत रहने और सुरक्षा उपायों का पालन करने का आग्रह किया। पीएम ने कहा कि आगे झटकें (आफ्टशॉक) आ सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप के झटके सुबह पांच बजकर 36 मिनट पर महसूस किए गए। एक अधिकारी ने बताया कि झील पार्क क्षेत्र में हर दो से तीन साल में एक बार छोटे, कम तीव्रता वाले भूकंप आते हैं। वर्ष 2015 में यहां 3.3 तीव्रता का भूकंप आया था।
क्या होता है आफ्टरशॉक (What is Aftershock)
भूगर्भशास्त्र के मुताबिक आफ्टरशॉक भी भूकंप का एक छोटा रूप होता है जो कि किसी इलाके में आए एक बड़े भूकंप के बाद आता है। दरअसल, भूकंप आने के दौरान धरती के भीतर टेक्टोनिक प्लेटें हिलती हैं और इनके हिलने से बहुत अधिक ऊर्जा निकलती है। एक बड़ा भूकंप के गुजर जाने के बाद पृथ्वी की परतें नई भूगर्भीय स्थिति में खुद को दोबारा संतुलित करती हैं। ऐसे में भूकंप के हल्के झटके आने शुरू होते हैं जिन्हें आफ्टरशॉक कहा जाता है। बड़े भूकंप अपने पीछे बड़ी संख्या में आफ्टरशॉक लाते हैं। ये आफ्टरशॉक मुख्य भूकंप आने के कुछ समय, कुछ घंटे या एक दो दिन या सप्ताह भर के बाद आ सकते हैं।
भूकंप आने से पहले क्या करें (Before an Earthquake)
- शहरों में भूकंप रोधी इमारतें कौन सी हैं, इसकी जानकारी रखें
- ऐसी इमारतें जो जर्जर हो गई हैं, उनकी मरम्मत कराएं
- भूकंप आने पर क्या करना इसकी आपात योजना तैयार रखें
- इलाके में चिकित्सा केंद्र, अग्निशमन केंद्र के बारे में पता करें
- भूकंप के लिए पहले से मॉक ड्रिल का अभ्यास करें
- घर में बिजली और पानी रोकने वाले प्वाइंट की जानकारी रखें
- घर में मौजूद भारी वस्तुओं को आलमारी के निचले हिस्से में रखें
- फूलों एवं अन्य गुलदस्तों को ऊपर जंगले या दीवार से न लटकाएं
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भूकंप के दौरान (During an Eartquake)
- भूकंप के दौरान शांत रहें और दूसरों को भी शांत रहने के लिए कहें
- घर के अंदर हैं तो किसी डेस्क, टेबल, बिस्तर और सीढ़ियों के नीचे छिपें। कांच, ग्लास, खिड़कियों या बाहरी दरवाजे से दूर रहें
- इमारत से निकलते समय भगदड़ से बचने की कोशिश करें
- यदि आप घर से बाहर हैं तो इमारतों से दूरी बनाएं
- बिजली या किसी तरह के तार एवं खंभों के पास न रहें
- खुले मैदान में तब तक रहें जब तक झटके आने बंद न हो जाएं
- यदि आप गाड़ी चला रहे हैं तो उसे तुरंत रोक दें और वाहन में ही रहें
- सभी पालतू एवं घरेलू जानवरों को खुला छोड़ दें
- भूकंप के दौरान कैंडल, माचिस की तीली न जलाएं।
- सभी तरह के ज्वलनशील पदार्थों को बुझा दें।
भूकंप के बाद (After an earthquake)
- स्वच्छ पेयजल, खाद्यान्न और प्राथमिक उपचार की पर्याप्त सामग्री अपने पास रखें
- किसी तरह की अफवाह न फैलाएं और अफवाहों पर ध्यान न दें
- भूकंप से जुड़ी ताजा जानकारी के लिए न्यूज सोर्स को ऑन रखें
- जरूरतमंदों की मदद करें और उन्हें भरोसा रखने के लिए कहें
- घायल लोगों की उपचार करें, उन्हें खाने-पीने की चीजें दें
- भूकंप के झटकों के आफ्टरशॉक के लिए भी तैयार रहें
- किचन में गैस स्टोव को बंद कर दें
- अगर गैस स्टोव बंद है तो इसे मत जलाएं
- गैस रिसाव का अंदेशा हो तो घर में स्विच एवं इलेक्ट्रिकल सामानों का इस्तेमाल न करें
- अपने घर में पानी के पाइप, इलेक्ट्रिक पैनल, फिटिंग चेक कराएं।
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आलोक कुमार राव न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं। यूपी के कुशीनगर से आने वाले आलोक का पत्रकारिता में करीब 19 साल का अनुभव है। समाचार पत्र, न्यूज एजेंसी, टेल...और देखें

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