एक्सप्लेनर्स

Explained: दिल्ली-एनसीआर में 'भूकंप' से क्यों बार-बार कांपती है धरती, Earthquake के लिहाज से संवेनशील है राजधानी ?

Delhi NCR Earthquake: देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास का एरिया यानी दिल्ली-एनसीआर भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है और यहां अंतराल पर झटके महसूस किए जाते हैं, आखिर इसकी वजह क्या है...?
Delhi NCR Earthquake Reason

दिल्ली-एनसीआर में अक्सर भूकंप आते रहते हैं क्या है वजह? (फोटो: टाइम्स नाउ नवभारत)

Delhi NCR Earthquake Reason: दिल्ली-एनसीआर में अक्सर भूकंप आते रहते हैं, ताजा मामले में 10 जुलाई की सुबह इस क्षेत्र में फिर से भूकंप के झटके (Earthquake Jolts) महसूस किए गए, भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर से तीन किलोमीटर उत्तरपूर्व और दिल्ली से 51 किलोमीटर पश्चिम में जमीन से 10 किलोमीटर की गहरायी में था, भूकंप के झटके पड़ोसी रोहतक और गुरुग्राम जिलों, पानीपत, हिसार और मेरठ में भी महसूस किए गए, सवाल यह है कि यहां पर बार-बार भूकंप क्यों आ रहा है और इसको लेकर क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए, जानें यह सब...

भूकंप के लिहाज से देश को 4 सिस्मिक जोन (Seismic Zone) में बांटा गया है बताते हैं कि दिल्ली‑NCR सिस्मिक जोन-IV में स्थित है यानी यहां भूकंप की तीव्रता और आवृत्ति मध्यम से उच्च स्तर पर हो सकती है, और इससे बचने के लिए क्षेत्र में भूकंप-रोधी निर्माण और सतर्कता बहुत ज़रूरी है।

ये भी पढ़ें- भूकंप के झटकों से हिली दिल्ली-एनसीआर की धरती, इमारतों-घरों से बाहर निकले लोग, रिक्टर स्केल पर 4.4 थी तीव्रता

दिल्ली के इतिहास में पहले भी कई एक मध्यम और हल्के भूकंप दर्ज किए गए हैं, बता दें कि यह क्षेत्र हिमालय के समीप है जहां भारतीय और यूरेशियन प्लेटें टकराती हैं और यहां कई सक्रिय फॉल्ट लाइन्स हैं।

ज़ोन (Zone)जोखिम का स्तर (Risk)संभावित रिक्टर स्केल मापांक
Zone -2कम जोखिम (Low Risk)5.0 तक
Zone -3मध्यम जोखिम (Moderate Risk)5.0 से 6.0 तक
Zone -4उच्च जोखिम (High Risk)6.0 से 7.0 तक
Zone-5बहुत उच्च जोखिम (Very High Risk)7.0 से ऊपर

दिल्ली NCR में भूकंप आने के ये हैं अहम भूगर्भीय कारण

दिल्ली-एनसीआर में बार-बार भूकंप आने के पीछे भूगर्भीय कारण हैं, वैज्ञानिकों की मानें तो जमीन की प्लेट्स में असंतुलन होने पर ये खिसकती हैं, इसके चलते बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलने लगती है, जिसकी वजह से भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र भारतीय टेक्टोनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच की सीमा के पास स्थित है। भारतीय प्लेट उत्तर की ओर धीरे-धीरे खिसक रही है और यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है, इस टकराव के कारण क्षेत्र में तनाव बनता है और यह तनाव जब रिलीज होता है, तो भूकंप आता है और अपने पीछे तबाही छोड़ जाता है।

दिल्ली में पिछले 2 साल में आए हालिया भूकंप के झटके

1 जनवरी 2023 — 3.8 रिक्टर

22 मार्च 2023 — 2.7 रिक्टर

11 नवंबर 2023 — 2.6 रिक्टर

12 दिसंबर 2023 — 3.4 रिक्टर

17 फरवरी 2025 — 4.0–4.3 रिक्टर

10 जुलाई 2025 — 4.4 रिक्टर

हिमालय क्षेत्र के पास होना भी है वजह

वैज्ञानिकों के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर हिमालयी भूकंपीय बेल्ट के करीब है, जो विश्व की सबसे सक्रिय भूकंपीय जोन में से एक है और इससे आसपास के क्षेत्रों, जैसे दिल्ली-एनसीआर में भी झटके महसूस होते रहते हैं।

दिल्ली में भूकंप को लेकर कितना बड़ा खतरा!

देश की राजधानी दिल्ली पर आबादी का काफी प्रेशर है यानी यहां की पॉपुलेशन काफी घनी है, जो भूकंप के लिहाज से सुरक्षित नहीं है साथ ही चिंता की बात यह है कि कुछ अहम रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली में आधे से ज्यादा इमारतें भूकंप के लिहाज से नहीं बनाई गई हैं इसके चलते

और ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप आने पर जान-माल का भारी नुकसान होगा।

भूकंप (Earthquake) से कैसे कर सकते हैं बचाव?

सबसे पहले तो लोगों को भूकंप के दौरान और बाद में क्या करें, इस बात की जानकारी होनी जरूरी है साथ ही भूकंप-रोधी भवन बनाने चाहिए वहीं समय-समय पर भूकंप सुरक्षा ड्रिल करनी चाहिए और यहां बनने वाली बिल्डिंगों खासतौर पर हाईराइज बिल्डिंगों में भूकंप-रोधी निर्माण सामग्री और तकनीक अपनाई जानी चाहिए वहीं अपने घर की भूकंप-रोधी जांच भी करानी चाहिए।

भूकंप के दौरान क्या करना है, इसकी जानकारी अहम

भूकंप के बाद के Aftershocks (छोटे झटके) भी आते हैं, इनके लिए भी सावधान रहें और सरकारी और स्थानीय आपदा प्रबंधन की सलाह मानें वहीं अगर आप घर के अंदर हैं तो खिड़कियों, शीशों, भारी फर्नीचर से दूर रहें और तुरंत मजबूत मेज, टेबल या फर्नीचर के नीचे छिप जाएं, झटकों के खत्म होने तक जगह सुरक्षित कोने पर ही टिके रहें पर यदि आप घर के बाहर हैं तो खुली जगह पर जाएं, पेड़ों, बिजली के खंभों और बिल्डिंग्स से दूर रहें। और यदि सड़क पर चल रहे हों तो तुरंत रुक जाएं और सुरक्षित जगह खोजकर वहां पहुंचे।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। एक्सप्लेनर्स (Explainer News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

रवि वैश्य author

रवि वैश्य 'Times Now नवभारत' डिजिटल के 'न्यूज डेस्क' में Assistant Editor के रूप कार्यरत हैं, 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब 20 साल से ज्यादा ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited